बेरहमी से मारी गई ISIS की पोस्टर गर्ल

नई दिल्ली। जिन्होंने कभी आतंकियों के साथ मिलकर मौत से आखें मिलाई थीं, लेकिन जब अलग होने लगे तो उन्हें मिली दिल दहलाने वाली मौत। ये दर्दनाक अंत है उन दो लड़कियों का जो कभी आतंकी संगठन का खूबसूरत चेहरा हुआ करती थीं।

समरा और सबीना आईएसआईएस की पोस्टर गर्ल के नाम से मशहूर थीं। समरा की उम्र महज 17 साल जबकि सबीना अभी सिर्फ 16 साल थी। आईएसआईएस के आतंकियों के किस्से सुन-सुनकर इन्हें भी जंग के मैदान में आने का रोमांच हुआ। इसके बाद इन दोनों ने ऑस्ट्रिया को छोड़कर आईएसआईएस के गढ़ में पहुंचने का प्लान बना लिया।

अप्रैल 2014 में इन दोनों ने तुर्की की राजधानी के लिए फ्लाइट पकड़ी और वहां से तुर्क के दक्षिणी क्षेत्र अडाना पहुंची। फिर उसके बाद कहां गईं किसी को खबर भी नहीं लगी,  लेकिन इनकी गुमशुदगी ज्यादा दिन तक राज ना रह सकी। क्योंकि जल्दी ही आतंकियों के वीडियो में ये दोनों लड़कियां नजर आईं।

अभी तक जीन्स और मॉडर्न लिबास पहनने वाली समरा और सबीना बुर्का पहने हुए थीं और उनके हाथ में थी खतरनाक क्लाशनिको राइफलें थीं, जबकि पीछे मौजूद थी खूंखार आतंकियों की पूरी ब्रिगेड। इसके बाद ये दोनों लड़कियां दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन की पोस्टर गर्ल बन गईं।

आईएसआईएस के गढ़ में पहुंचने वाली लड़कियों को कुछ ही घंटों में दुल्हन का लिबास पहना दिया जाता है। इन दोनों को भी दुल्हन का लिबास पहना दिया गया और आईएसआईएस के आतंकियों के साथ शादी कर दी गई। इसके बाद ये दोनों लड़कियां सिर्फ तस्वीरों में ही नजर आईं लेकिन अब जो खबरें आ रही हैं कि इनका वजूद तस्वीरों से भी मिट चुका है क्योंकि कहा जा रहा है कि सबीना तो जंग में मारी जा चुकी है, लेकिन समरा को आईएसआईएस के आतंकियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया है।

खबरों की मानें तो रूसी सेना के बढ़ते हमलों के बाद आईएसआईएस के आतंकियों में भगदड़ का माहौल है। सबीना की मौत के बाद समरा बुरी तरह दहशत में थी और वो आतंक के गढ़ को छोड़कर भाग जाना चाहती थी, लेकिन फरार होते वक्त वो पकड़ी गई। जिसके बाद आतंकियों ने उसे पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।

समरा की मौत ने साबित कर दिया कि दहशत की इस नगरी में आने के कई रास्ते जरूर हैं लेकिन बाहर निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है मौत। आपको बता दें इन दो लड़कियों के अलावा और भी कई लड़कियां अपने घर का ऐश और आराम छोड़कर दहशतगर्दों की इस टोली में शामिल हो चुकी हैं।

इनमें सबसे मशहूर है हयात बोमेदिन। हयात वही महिला दहशतगर्द है जिसने इस साल के शुरू में पेरिस को दहलाया था। हयात पेरिस के सुपर मार्केट आतंकी हमले में शामिल थी। जिसके बाद वो वहां से भागकर सीरिया पहुंच गई और अब आतंकियों की जंग में शामिल है।

इनके अलावा जिन महिलाओं ने आतंक की दुनिया में नाम क्या है। उनके नाम भी आपको बताते चलें, ये महिलाएं हैं--

समांथा लुईस लुथवेट
लंदन पर हमला करने वाले मानव बम जर्मेन की विडो है, समांथा के सिर पर 400 हत्याएं और नेरोबी के वेस्टगेट मॉल हत्याकांड में शामिल भी शामिल थी। मुंह पर खून लगाकर नेरोबी के मॉल से भागी थी। अब इंटरपोल समेत दुनिया की हर एजेंसी को समांथा लुईस लुथवेट की तलाश है।

जेनत अब्दुर्रखमनोवा
यह बेहद खतरनाक मानव बम है,  2010 मॉस्को सबवे में सुसाइड मिशन में शामिल थी। हथियारों की शौकीन, पति आतंकवादी था जोकि 2009 में मारा गया था।

मरियम मैगोमेदेव
2010 मॉस्को सबवे स्टेशन पर हमले की दूसरी मानव बम, 40 की हत्या और 28 साल की स्कूल टीचर जो बन गई आतंकवादी। बहरहाल, दहशत की ये वो दुनिया है जहां जाने वालों को सिर्फ बेरहम मौत ही मिलती है। समरा और सबीना की मौत इसकी सबसे बड़ी गवाह है।

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