वकीलों को नहीं है हड़ताल/बहिष्कार का अधिकार: हाईकोर्ट

भोपाल। इधर मप्र में वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश का बहिष्कार कर रखा है और उधर मद्रास हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि वकीलों को हड़ताल पर जाने या बहिष्कार का आह्वान करने या यहां तक कि सांकेतिक हड़ताल पर जाने का भी अधिकार नहीं है।

न्यायालय की मदुरै खंडपीठ के न्यायमूर्ति आर. सुधाकर और न्यायमूर्ति वी.एम. वेलूमणि ने कहा कि अगर किसी का विरोध करना है तो प्रेस को बयान और टीवी को इंटरव्यू आदि दिया जा सकता है वो भी अदालत के बाहर। तख्तियां, काली पट्टियां पहनना, बैनर, धरने पर जाना, जुलूस निकालना, ये अदालत के बाहर और दूर निकालना चाहिए।

पीठ ने पी. पलनीसामी की याचिका को खारिज कर दिया। वह तिरूचिरापल्ली अदालत के कर्मचारी हैं। उन्होंने अपने खिलाफ एक निचली अदालत द्वारा शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। यह याचिका उन्होंने इस आधार पर दायर की थी कि 28 सितंबर को वकीलों के बहिष्कार की वजह से उनका वकील सुनवाई के लिए पेश नहीं हो सका था।
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