भोपाल। रेल मंडल से यात्रियों की जेब काटने का इस बार नया तरीका निकाला था। नाम रखा था तत्काल स्पेशल ट्रेन। इसका अर्थ यह कि त्यौहारी सीजन में यात्री बढ़ने पर चलने वाली एक ऐसी ट्रेन जिसमें तत्काल के बराबर किराया लगेगा, सामान्य से 25 प्रतिशत ज्यादा लेकिन इस बार यात्रियों ने रेलवे की इस जेबकतरी योजना को बाउंस कर दिया। उन्होंने दूसरे ट्रेनों में वेटिंग के टिकिट लिए और रवाना हो गए। तत्काल स्पेशल ट्रेन खाली रह गई।
दीपावली में भीड़ के चलते पहली तत्काल स्पेशल ट्रेन 5, 12 व 19 नवंबर को भोपाल से लखनऊ व 6, 13 व 20 नवंबर को लखनऊ से भोपाल के लिए घोषित की गई थी। यह पहली स्पेशल ट्रेन थी, लेकिन खाली रह गई जबकि लखनऊ जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस, भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस में लंबी वेटिंग चल रही है। प्रतापगढ़ एक्सप्रेस में तो स्लीपर की प्रतीक्षा सूची 175 तक पहुंच गई है।
5 को भोपाल से चली तत्काल स्पेशल ट्रेन ने 40 फीसदी सीटें ही भर पाईं। यही हाल 6 को लखनऊ से चली ट्रेन का रहा। भोपाल से 12 व 19 को जाने वाली तत्काल स्पेशल में स्लीपर की 500 से ज्यादा और सेकंड सीटिंग की 370 से ज्यादा सीटें खाली हैं। यही स्थिति लखनऊ से चलने वाली ट्रेन का है।
इसके अलावा हबीबगंज से पुणे व पटना के लिए भी तत्काल स्पेशल ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भोपाल मंडल ने रेलवे बोर्ड को भेजा था, लेकिन लखनऊ के लिए चली तत्काल स्पेशल ट्रेन में यात्री कम होने के चलते रेलवे ने दूसरी जगह के लिए तत्काल स्पेशल चलाने की योजना फिलहाल टाल दी है।