भोपाल। इंसान की जान को खतरे में बताकर सरेआम लूट जैसी वारदात करने वाले 2 अस्पताल संचालकों के यहां काली कमाई का भंडार मिला है। आयकर विभाग की टीम यहां ज्यादा कुछ खोज नहीं पाई लेकिन उनकी धमचक के चलते अस्पताल संचालकों ने 50 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए। आयकर इसी का टैक्स हासिल करके खुश हो गया। आयकर सूत्रों का कहना है कि यहां करीब 100 करोड़ की काली कमाई मिल सकती है परंतु अस्पताल सूत्रों का कहना है कि यह संख्या बहुत छोटी है। मामला बहुत बड़ा है।
आयकर अफसरों को जबलपुर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर एवं मेट्रो हास्पिटल समूह व उनसे जुड़े अन्य संस्था संचालकों के बही-खाते, कम्प्यूटर व लैपटॉप में जो ब्योरा मिला है उसमें जबलपुर के 12-14 ऐसे डाक्टरों के नाम पते भी मिले हैं, जिन्हें इन्होंने कालेधन के रूप में करोड़ों रुपए का भुगतान किया। विभाग ने ऐसे डाक्टरों की सूची तैयार कर ली है, साथ ही उनके बैंक अकाउंट्स और संपत्ति का ब्योरा भी खंगाला जा रहा है। इनमें से एक वरिष्ठ डॉक्टर के यहां दो दिन पहले छापे की कार्रवाई भी शुरू की गई जो कि शनिवार देर रात पूरी हो गई।
चौंकाने वाले दस्तावेज
नर्सिंग इंस्टीट्यूट, फार्मास्युटिकल फर्म और मेडिकल स्टोर्स से भी अनेक चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। मेडिकल और पैरा मेडिकल यूनिट्स संचालन में ये समूह ट्रस्ट के तहत मिलने वाले फायदे ले रहे हैं, लेकिन नियमों का उल्लंघन भी करते पाए गए। इनमें सत्य साईं कैंसर सोसायटी का नाम भी दस्तावेजों में सामने आया है।
होगी टैक्स वसूली
आयकर सूत्रों का कहना है कि दोनों समूहों ने स्वेच्छा से 50 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति पर टैक्स देने पर सहमति जताई है लेकिन दस्तावेजों की छानबीन में अस्पताल समूहों और उनसे जुड़े डाक्टर व अन्य कारोबारियों के यहां 100 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति मिलने की संभावना है। विभागीय अफसर दस्तावेजों की छानबीन के बाद टैक्स एवं जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेंगे।