भोपाल। कहते हैं भाजपा में लोकतंत्र है, लेकिन इस मामले में तो तानाशाह का खौफ दिखाई दे रहा है। भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री संजय जोशी ने मप्र के कुछ खास नेताओं को शुभकामना पत्र भेजे, परंतु भाजपाई उन पत्रों को छुपाए छुपाए घूम रहे हैं। वो नहीं चाहते कि किसी को भी इस बात का पता चले कि संजय जोशी ने उनका कोई रिश्ता भी है।
बिहार में करारी हार को लेकर भाजपा में मची कलह के बीच पार्टी के पूर्व महासचिव सगंठन संजय जोशी ने दीवाली के त्यौहार के बहाने अपने पुराने सम्पर्कों को साधकर सबको हैरत में डाल दिया है। दस दिन पहले बीते दीपावली के त्यौहार पर भाजपा नेता संजय जोशी ने पत्र भेजकर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, राजगढ़ समेत पूरे प्रदेश में अपने पुराने परिचितों और पत्रकारों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
खासबात ये है कि भाजपा के पूर्व संगठन महासचिव संजय विनायक जोशी ने अपने पत्र में दीवाली शुभकामना का संदेश 'शुभ' रंग लाल में लिखा है। हस्तलिखित पत्र में जोशी ने पहले विक्रम, शक, कलि, जैन महावीर, ईसा संवत् का जिक्र किया है और फिर लिखा है कि, दीपावली आपको मंगलमय हो. प्रकाशपर्व की इस सुमंगल बेला पर आपको तथा परिवार के स्वजनों को हार्दिक शुभकामनाएं। संजय जोशी के इस दीवाली शुभकामना पत्र को लेकर भाजपा की अंदरुनी सियासत हिलोरे मारने लगी है।
जाहिर है संजय जोशी की मोदीयुग के भाजपा की मुख्यधारा की राजनीति में लौटना आसान नहीं है, लेकिन संगठन महासचिव के पद पर रहते हुए संजय जोशी की राजनीति के माहिर खिलाड़ी के रुप में पहचान रही है। इसलिए जोशी को ये बखूबी मालूम है कि सियासत में कब और किस रुप में कौन सा पांसा फेंकना है।