आदेश जारी: नक्शा मंजूरी के लिए नगरनिगम के चक्कर बंद

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भोपाल। यदि आप 3200 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान बनाने की सोच रहे हैं, तो भवन निर्माण के लिए नक्शा मंजूर कराने नगर निगम के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये आर्किटेक्ट से ही मिल जाएगी। इस संबंध में नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग ने नगर पालिका अधिनियम में बदलाव कर गुरुवार को आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2400 वर्गफीट के प्लॉट पर मकान बनाने की मंजूरी के अधिकार आर्किटेक्ट देने की घोषणा की थी, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते प्लॉट साइज का बढ़ाकर 3200 वर्गफीट किया गया है।

यह रहेगी प्रक्रिया
आर्किटेक्ट से भवन निर्माण का नक्शा मंजूर कराने पहले नगर निगम खाते में आवेदन शुल्क जमा करना होगा। यह राशि आप खुद भर सकते हैं या फिर आर्किटेक्ट के माध्यम से ऑनलाइन जमा कराई जा सकती है। भूमि विकास नियम के अनुसार आवेदन शुल्क प्रति वर्ग मीटर 1 रुपए है।

उदाहरण के लिए 3200 वर्गफीट के प्लॉट पर यदि 1.25 एफएआर के हिसाब से भवन निर्माण की मंजूरी के लिए आवेदन किया जाता है तो आवेदक को 4000 वर्गफीट (375 वर्ग मीटर) के हिसाब से 375 स्र्पए आवेदन शुल्क जमा कराना होगा। इसके अतिरिक्त 201 से 300 वर्ग मीटर के प्लॉट पर भवन मंजूरी शुल्क 3000 स्र्पए जमा कराना होगा।

यह होगी आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी
3200 वर्गफीट तक के प्लॉट पर नक्शा मंजूर करने वाले आर्किटेक्ट नियमानुसार निर्माण करवाने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
गड़बड़ी रोकने के लिए प्रावधान है कि मंजूरी देने वाला आर्किटेक्ट खुद नक्शा नहीं बनाएगा। प्लॉट मालिक को नक्शा किसी दूसरे आर्किटेक्ट से बनवाना होगा।
आर्किटेक्ट की जिम्मेदारी होगी वह संबंधित ननि में आवेदन शुल्क, भवन मंजूरी शुल्क और भवन निर्माण के प्रस्तावित नक्शे की प्रति जमा कराएगा।
भवन निर्माण मंजूरी से लेकर तैयार होने तक आर्किटेक्ट को समय-समय पर स्थ्ाल निरीक्षण कर नगर निगम को रिपोर्ट बनाकर देना होगी।
निर्माण में नक्शे का उल्लंघन होने पर जरूरी होगा कि आर्किटेक्ट इसकी सूचना नगर निगम को दे। ऐसा न करने पर नगर निगम आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्ट कर सकती है।

इन शर्तों पर मिलेगी मंजूरी
3200 वर्गफीट के प्लाट के एक साइड 10 फीट और दूसरी साइड 5 फीट की जगह खुली छोड़नी होगी।
प्लॉट के पीछे साइड 8 फीट जगह खुली छोड़ना अनिवार्य है।
मास्टर प्लान के हिसाब से भोपाल में 1.25 एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) के हिसाब से 3200 के प्लाट पर 4000 और इंदौर में 1.5 एफएआर के हिसाब से 4800 वर्ग फुट से अधिक निर्माण नहीं हो सकता।
मकान की ऊंचाई अधिकतम 40 फीट हो सकती है।

यह होगा फायदा
नगर निगम में चक्कर काटने से राहत मिलेगी।
30 दिन में अनुमति न मिलने पर डिम्ड अनुमति के आधार पर मकान निर्माण शुरू हो सकेगा।
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