ग्वालियर। इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी के ब्लड बैंक पर आंख बंद कर किया जा रहा भरोसा खतरनाक साबित हो सकता है। इस ब्लड बैंक का पिछले ढाई दशक से लायसेंस रिन्युअल नहीं हुआ है। हर साल स्टेट और सेंट्रल ड्रक कंट्रोलर निरीक्षण कर खामियां बताते हैं, फिर भी ब्लड बैंक चल रहा है। इनकी निगरानी की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोलर की है।
यहां का लायसेंस 1990 तक रिन्युअल किया गया था। इन्चार्ज ब्लड बैंक जेडी शर्मा रेडक्राॅस सोसायटी ने बताया कि 1990 के बाद हमारे ब्लड बैंक का रिन्युअल नहीं हुआ। कुछ न कुछ खामी बता दी जाती है। लंबे समय से जमे डाॅ0 आरपी शर्मा सचिव इंडियन रेडक्राॅस सोसायटी का कहना हैं कि पिछले साल ही निरीक्षण हुआ था, अभी रिन्युअल नहीं मिला है। बताया गया कि उक्त अधिकारी गरीबों से भी खून के लिये मनमाने पैसों की मांग करता है। उधर ड्रग कंट्रोलर संजीव जादौन का कहना हैं कि खामियों को नजर अंदाज नहीं कर सकते, मामले की जांच कराई जायेगी।
पिछले दिनों एक युवक की खनियाधाना से रिफर होते-होते ग्वालियर में खून के अभाव में मौत हो गई थी, उसकी मां के पास लाश ले जाने के लिये पैसे नहीं थे। बाद में चंदा कर लाश ले गई थी, ऐसे गरीब लोगों को भी उक्त सचिव जो लंबे समय से जमे हुये हैं, खून देने में कोई रियायत नहीं बरती जाती, भले जान चली जाये।
