अहमदाबाद/गुजरात। यहां गांधीनगर में आईपीएस एडीजीपी विपुल विजोय ने दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को 'बंधक' बनाने का मामला सामने आया है। इन्हें बंगले के गैरेज में मंगलवार शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक और बुधवार सुबह 8 से 9 नौ बजे तक बुलाकर बिठाए रखा गया। इस दौरान इन पुलिसवालों को कुछ खाने पीने तक नहीं दिया गया। इनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर, 12 पीएसआई एवं कान्स्टेबल शामिल हैं। ये लोग बंगला खाली करवाने के लिए पहुंचे थे। गांधीनगर रेंज के आईजी हंसमुख पटेल दो और बड़े अफसरों के साथ मौके पहुंचे। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों को छुडा़या।
डीजीपी ने कहा: मामला गंभीर, जांच करेंगे
पुलिसवालों को बंधक बनाए जाने पर गुजरात पुलिस के डीजीपी पी.सी. ठाकुर ने भी सख्त रुख अपनाया है। बुधवार देर रात मीडिया से बातचीत में ठाकुर ने कहा कि इस मामले की तेजी से और साफ सुधरी जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। ठाकुर ने कहा, “मुझे 1983 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अफसर विपुल के बारे में शिकायत मिली है कि उनके बंगले पर कुछ पुलिसवालों को जबरन बिठाकर रखा गया था।” ठाकुर के मुताबिक उन्होंने विपुल से बात की तो उन्होंने कहा कि यह इन-डिस्प्लिन (अनुशासनहीनता) का मामला है। ठाकुर ने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा और चाहे वह कितनी भी बड़ी पोस्ट पर क्यों न हो, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। होम सेक्रेटरी ने भी कार्रवाई की बात कही है।
पुलिसवालों के बयान का वीडियो बनाया
डीजीपी ने बंधक बनाए गए सभी पुलिसवालों के बयान का वीडियो बनवाया है। विपुल कराई पुलिस एकेडमी के पूर्व डायरेक्टर हैं। तबादला होने के बाद भी वह बंगला खाली करने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद उनका बंगला खाली कराने के लिए पुलिसवालों को भेजा गया था।