भोपाल। मुरैना जिले में महिलाओं के इलाज में बरती जा रही लापरवाही को राज्य मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है। नर्सों की कोताही से एक प्रसूता के मरणासन्ना हालत में पहुंच जाने के मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग ने मुरैना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) को तलब किया है।
आयोग के प्रवक्ता के मुताबिक मुरैना के पोरसा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। 26 जून को वहां किरण तोमर का सामान्य प्रसव हुआ। मौके पर मौजूद नर्स ऊषा सिलावट और रीना मालवीय द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन न करने पर श्रीमती मालवीय को सर्वाइकल टियर हो गया। इससे लगातार रक्तस्त्राव होने से उसकी हालत गंभीर हो गई। हालत बिगड़ती देख महिला के पति ने अस्पताल परिसर में रहने वाले डॉ.एसएन मेवाफरोश को वस्तुस्थिति बताई। साथ ही बताया कि नर्सेस रुपयों की मांग कर रही हैं। मौके पर पहुंचे डॉ. मेवाफरोश ने खुद जाकर महिला को देखा और इलाज के लिए मुरैना रेफर किया। आयोग ने इस शिकायत और मुरैना जिले के पूर्व प्रकरणों का हवाला देते हुए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर पीड़ित महिला को एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि देने की अनुशंसा की है।
