जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपी सुधीर शर्मा व संजीव सक्सेना द्वारा समानता के अधिकार के तहत जमानत अर्जियां मंजूर किए जाने के आवेदन पर गौर किया। इसी के साथ सीबीआई की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता विक्रम सिंह को निर्देश लेकर अवगत कराने की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके लिए 14 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
डॉ.विनोद भंडारी का उदाहरण दिया
व्यापमं फर्जीवाड़े में आरोपी बनाए जाने के बाद लंबे समय से जेल में बंद सुधीर शर्मा व संजीव सक्सेना का कहना है कि डॉ.विनोद भंडारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। चूंकि आरोप समान हैं अत: समानता के अधिकार के तहत जमानत अर्जियां मंजूर की जा सकती हैं। हाईकोर्ट ने तर्क सुनने के बाद सीबीआई से इस संबंध में आगामी सुनवाई तिथि तक अपना पक्ष स्पष्ट करने कहा है।
