शाजापुर के शिक्षक ने की थी मोदी को मारने आए आतंकी की मदद

भोपाल। नरेन्द्र मोदी की हत्या करने आए लश्कर ए तैयबा के आतंकी समीर पठार का पासपोर्ट मप्र के शाजापुर मेें बना था। इसी पासपोर्ट पर वो पाकिस्तान गया। इस करतूत में शाजापुर के एक शिक्षक ने आतंकी की मदद की थी। जिसके आधार पर शेष प्रक्रियाएं पूरी हुईं।

1997 में बने इस पासपोर्ट के समय टीडी शर्मा पासपोर्ट अधिकारी हुआ करते थे। मामले का खुलासा वर्ष 2000 में तब सामने आया था जब एक मुठभेड़ में पुलिस ने समीर को मार गिराया था। यह कार्रवाई 22 अक्टूबर 2002 को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने की थी। तलाशी के दौरान समीर के पास एक पासपोर्ट मिला था। पासपोर्ट मध्यप्रदेश से बनाया गया था।

जांच में पता चला कि यह पासपोर्ट ट्रेवल्स एजेंट अबु बकर ने बनाया था। इस मामले में शाजापुर के शिक्षक सुभाष व्यास ने समीर की मदद की थी। सुभाष ने यह लिखित में दिया था कि समीर ने पांचवीं कक्षा तक शाजापुर के स्कूल में पढ़ा है। यह शाजापुर का निवासी है। इसी आधार पर अबू ने उसका पासपोर्ट बनवाया था। समीर का पासपोर्ट तत्कालीन पासपोर्ट अधिकारी (मौजूदा पदस्थापना रायपुर में) टीडी शर्मा के हस्ताक्षर से जारी किया गया था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि शर्मा न तथ्यों की पड़ताल किए बिना समीर का पासपोर्ट जारी कर दिया था। इस मामले में पासपोर्ट कार्यालय के तत्कालीन अधीक्षक (अब सेवानिवृत्त) अमर जूनियस लकड़ा और बाबू देवेंद्र जैन व सुनील रजक को भी दोषी माना गया है। दोनों बाबू वर्तमान में भोपाल पासपोर्ट कार्यालय में पदस्थ हैं। जांच के बाद सीआईडी ने चारों आरोपियों के खिलाफ चालान पेश कर दिया है।

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