सागर। उज्जैन में निजी बिजली वितरण कंपनी एस्सेल का ठेका निरस्त होने के बाद सागर से भी एस्सेल बिजली कंपनी को उखाड़ फेंकने नए सिरे से तैयारी शुरू हो चुकी है। विपक्ष कांग्रेस और सामाजिक संगठनों ने कंपनी का सामान समेटने के लिए आंदोलनों की रूपरेखा बना ली है। मछरयाई विकास समिति ने क्रमिक आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। पहले चरण में सोमवार को सांसद विधायक का पुतला दहन किया।
मछरयाई विकास समिति नें शहर को एस्सेल कंपनी से मुक्ति दिलाने के लिए आंदोलन के रूप में लोगों ने कंपनी की लूट के विरोध में आक्रोश जताते हुए सांसद और विधायक की भूमिका के प्रति सोमवार को सांसद विधायक का पुतला दहन किया। समिति के पदाधिकारी दिलावर राइन ने बताया कि एस्सेल के विरोध की शुरूआत सोमवार को शाम 5 बजे शीतला माई मंदिर के सामने सांसद और विधायक के पुतला दहन किया। समिति संयोजक जितेंद्र रोहण ने कहा कि उज्जैन के फैसले से एस्सेल की चोरी उजागर हो गई है। वहां के जनप्रतिनिधियों ने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाई और एस्सेल का ठेका निरस्त कराया। शहर के सभी भाजपा नेता इस मुद्दे पर भूख हड़ताल की नौटंकी तक कर चुके हैं, लेकिन कंपनी के अत्याचार नहीं रुके। इससे सिद्ध हो गया है कि भाजपा और एस्सेल के बीच साझेदारी है। डॉ. विक्रम चौधरी ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक ठेका निरस्त नहीं हो जाता। पुतला दहन मेँ शामिल होने वालो में कांग्रेस नेता हीरा सिंह राजपूत, जितेंद्र रोहण,विक्रम चौधरी, दिलावर राइन, योगराज कोरी, सचिन कुमार नामदेव, दीपक खटीक, शैलू साहू, प्रेम मुंशी, मदन साहू, धीरेंद्र कोष्टी, भूरे कोरी, अमित पाराशर, मणि कोष्टी, रज्जन ठाकुर सहित मछरयाई, राजीवनगर, संतकबीर, केशवगंज तथा विवेकानंद वार्ड के लोग शामिल हुए।