वर्दी वाला तस्कर: विधायक ने लिखी थी सिफारिश की चिट्ठी

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भोपाल। इंदौर से पकड़े तस्करों के पार्टनर टीआई अभिनव शुक्ला की मंदसौर में पोस्टिंग एक विधायक की सिफारिशी चिट्ठी पर हुई थी। विधायक ने कुख्यात तस्कर लाला ​गिरोह के कहने पर यह सिफारिश की थी। अपनी पोस्टिंग के बदले टीआई शुक्ला ने लाला का काफी माल बिना पकड़े पास करवाया। बाद में लाला से टीआई का विवाद हो गया तो लाला ने एक सीडी बनाकर राजधानी तक पहुंचा दी और तस्करी के धंधे में उतर चुके टीआई साहब धर लिए गए।

कुल मिलाकर जिस तस्कर लाला गिरोह ने टीआई अभिनव शुक्ला को करोड़पति बनवाया, उसी ने गिरफ्तार भी करवा दिया परंतु सवाल यह है कि वो विधायक कौन है जो तस्करों के लिए काम करता है।

ऐसे हुई गिरफ्तारी
आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को टीआई अभिनव पिता एमके शुक्ला निवासी वंदना नगर, कांस्टेबल विनोद पिता प्रकाश नामदेव निवासी अफीम गोदाम रोड मंदसौर व साथी शैलेंद्र पिता ओमप्रकाश टेंगरिया निवासी मंदसौर को गिरफ्तार किया था।

आरोपियों से तीन पिस्टल, एक कट्टा, 50 से अधिक कारतूस, साढ़े पांच लाख कैश और कार बरामद हुई। रविवार को पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर मंगलवार तक रिमांड पर ले लिया। उन्होंने पूछताछ में धरमपुरी व मनावर को सिकलीगरों के नाम कबूले हैं। पुलिस हथियार सप्लायरों को तलाश रही है। अन्य खुफिया एजेंसियां भी आरोपियों की जानकारी जुटा रही है।

राजस्थान में पकड़ा गया था माल
जानकारी के मुताबिक करीब तीन महीने पूर्व बिकानेर (राजस्थान) पुलिस ने डोडा चूरा से भरा ट्रक जब्त किया था। पुलिस ने ड्राइवर से पूछताछ की तो बताया माल टीआई (अभिनव) शुक्ला का है। जांच में खुलासा हुआ करीब एक करोड़ रुपए कीमती यह माल कुख्यात तस्कर लालसिंह सिसौदिया ने भेजा था।

सिसौदिया से शुक्ला की पार्टनरशिप हो गई थी। हालांकि उस वक्त जोड़तोड़ कर शुक्ला गिरफ्तारी से बच गया। राजस्थान डीजीपी ने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर मप्र डीजीपी सुरेंद्र सिंह को सौंप दी। इस पर शुक्ला को थाने (भावगढ़) से हटा दिया।

लाला ने पाला फिर भी ईमान बदल डाला
शुक्ला पहले अखेपुर (प्रतापगढ़) के तस्कर गिरोह से जुड़ा हुआ था। यहां के कुख्यात तस्कर चुन्ना लाला, फिरोज लाला, वसीम लाला, इंतेखाब उर्फ मौलाना आदि की तस्करी में साथ दिया। फिरोज लाला ने टीआई को पोस्टिंग में अहम भूमिका निभाई थी। माल पास करवाने के वादे के बाद एक विधायक से नोटशीट लिखवाकर शुक्ला का ट्रांसफर मंदसौर करवाया था। कुछ समय पूर्व लाला विरोधी लाल सिंह से गठजोड़ हुआ। शुक्ला ने लाला के राजदार ड्राइवर को तोड़ लिया।

वह उसके लिए मुखबरी करने लगा। शुक्ला ने लाला के अड्डे व गोदामों से कर्मचारियों को पकड़ना शुरू कर दिया। परेशान लाला गिरोह ने सेटिंग करने के लिए मीटिंग की। इस पर शुक्ला ने जेल में बंद इंतेखाब से बात की और समझौते के एवज में दो साल की बंदी के पांच करोड़ रुपए एक मुश्त मांगे। लाला गुट ने रुपए देने से इंकार कर दिया। उन्होंने नेता और अफसरों से उसके कारनामों की सीडी बनाई और अफसरों तक पहुंचा दी।

कहां छिपे हैं विधायक महोदय
इस मामले में तस्कर लाला गिरोह के इशारे पर सिफारिशी चिट्ठी लिखने वाले विधायक के चेहरे से पर्दा हटना अभी बाकी है। पुलिस के लिए विधायक मोस्ट वांटेड नहीं है परंतु तस्करों के लिए काम कर रहे इस विधायक का पर्दाफाश होना चाहिए। 
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