पंजाब में रेल की पटरियों पर बैठे किसान, रेल यातायात प्रभावित

नईदिल्ली। पंजाब में किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। इससे रेल सेवाओं पर असर जारी है।  शुक्रवार को भी यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि किसानों के आंदोलन के कारण 27 रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा। आंदोलन बुधवार से जारी है। 

सफेद कीट के हमले के कारण फसलों को हुए नुकसान में ज्यादा मुआवजे की मांग करते हुए 15 हजार से ज्यादा किसानों ने रेल यातायात जाम कर दिया। किसानों ने आत्महत्या करने वालों के लिए पांच लाख रुपये वित्तीय सहायता की भी मांग की है। 

किसान संगठनों ने आंदोलन को दो और दिन बढ़ाते हुए दस अक्तूबर तक कर दिया था।  फिरोजपुर डिविजन के अधिकारियों के मुताबिक मेल, एक्सप्रेस और यात्री गाड़ियों सहित कम से कम 27 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया गया जबकि 51 रेलगाड़ियों के मार्ग में परिवर्तन, कुछ दिनों के लिए स्थगन किया गया। 

अधिकारियों ने कहा कि रेलवे के अंबाला डिविजन में सात अक्तूबर तक 107 रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है। आंदोलन करने वाले किसान पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रेल मार्गों पर बिखर गए जिससे रेलवे को या तो रेलगाड़ियों को रद्द करना पड़ा या कई रेलगाड़ियों के मार्ग बदलने पड़े। 

कम से कम आठ किसान संगठन शिरोमणी अकाली दल-भाजपा नीत राज्य सरकार की ‘किसान विरोधी’ नीतियों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब का व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। होजरी और लौह एवं इस्पात निर्माताओं ने शिकायत की है कि उनके सामान रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। बीकेयू एकता के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा, ‘हम किसानों की दुर्दशा के प्रति पंजाब सरकार के ढीले ढाले रवैये का विरोध कर रहे हैं।'

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