मुंबई। एक आदमी ज़िंदा होने के बावजूद अस्पताल में मृत घोषित कर दिया जाता है। यहीं नहीं उसे पोस्टमार्टम रूम तक भी पहुंचा दिया गया। डॉक्टरों और स्टाफ की घोर लापरवाही की ये घटना मुंबई में बीएमसी के अंतर्गत आने वाले लोकमान्य तिलक सायन अस्पताल में हुई है।
गनीमत रही कि एक कर्मचारी ने 'मृत' घोषित मरीज को सांस लेते देख लिया और उसका जीते जी पोस्टमार्टम होने से बचा लिया।
दरअसल, रविवार दोपहर सायन पुलिस स्टेशन को जानकारी मिली की एक व्यक्ति सड़क किनारे बेहोश पड़ा है। पुलिसवालों ने उसे सायन अस्पताल में भर्ती करा दिया। मरीज का इलाज काफी देर से शुरू हुआ और इलाज के घंटे भर बाद डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। मरीज के पोस्टमार्टम से ठीक पहले एक कर्मचारी ने उसकी धड़कन को देख लिया। इसके बाद हड़कंप मचा और मरीज को वार्ड में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सायन अस्पताल के डीन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। पुलिस के मुताबिक व्यक्ति की कोई पहचान नहीं हो पाई है। कई दिनों से भूखा और बीमार सड़क किनारे बेहोश पड़ा था। पुलिस जाँच कर रही है कि आखिरकार किसकी लापरवाही से जिंदा मरीज को मृत घोषित कर शवगृह में भेज दिया।