भोपाल। राजधानी में फ्लाईओवर की दीवार गिर जाने से उसमें दबकर मर गए दंपत्ति का अंतिम संस्कार भी नहीं कराया। भोपाल की एक समाजसेवी संस्था जनसंवेदना ने उनका क्रियाकर्म किया है। यह निर्दयीता शायद इसलिए क्योंकि वो एक वोटबैंक नहीं थे। होते तो पेटलावद जैसी संवेदनाएं जाग जातीं।
सामान्यत: ऐसे मामलों में सरकार मृतक के परिवारों को मुआवजा दिया करती है परंतु इस मामले में सरकार निष्ठुर निकली। मृत दंपत्ति का अंतिम संस्कार भी नहीं कराया गया। दोनों व्यक्तियों की शिनाख्त नहीं हो पाने के कारण उन्हे लावारिस मान लिया गया और उनकी लाशों को भी लावारिस ही छोड़ दिया गया।
मृतको का पोस्टमार्टम हमीदिया अस्पताल में बजरिया थाना के आरक्षक मनोज कुमार द्वारा कराया गया। आरक्षक ने ही समाजसेवी संस्था जनसंवेदना के सहयोग से दोनों मृतकोें का भदभदा विश्रामघाट पर अंतिम संस्कार कराया। उल्लेखनीय है कि पुलिस चाहती तो दोनों मृतकों की शिनाख्त कर सकती थी, किन्तु ताबाड़ तोड़ उनका कफन-दफन करा दिया।