इलाहाबाद। विजयदशमी के दिन भारत के राजघराने एक बार फिर जिंदा हो जाते हैं। सामान्यत: इस दिन उनकी जय जयकार होती है परंतु मांडा राज्य में ग्रामीणों ने जिंदा राजा अजेय प्रताप सिंह का पुतला जला डाला। इतना ही नहीं उन्होंने राजमहल पर पथराव किया और राजा का गंदी गंदी गालियां भी दीं। राजा अजेय प्रताप सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के बेटे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों से मांडा राजघराने की ओर से रामलीला का मंचन और रावण दहन कराया जाता रहा है लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की मौत के बाद उनके बेटे अजेय प्रताप ने रामलीला का मंचन कराना बंद करा दिया। साथ ही मांडा स्थित दशमियहवॉ पहाड़ पर रावण वध का कार्यक्रम भी आयोजित नहीं करवाते हैं।
इसी बात से नाराज होकर ग्रामीणों ने अजेय प्रताप सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मांडा राजमहल पर पथराव शुरू कर दिया। बाद में अजेय प्रताप सिंह का पुतला दहन किया। लोगों का कहना था कि अजेय प्रताप ने प्राचीन परंपरा को बंद कर मांडा के लोगों के साथ मजाक किया है।
राजा राम प्रताप सिंह, राजा राम गोपाल सिंह और राजा वीपी सिंह ने जिस परंपरा को कायम रखा उसे अजेय सिंह ने समाप्त कर दिया जबकि राम जानकी ट्रस्ट को रामलीला कराने के लिए सरकार से अनुदान मिलता है।