टीकमगढ। अंतत: राज दाल मिल पर चल रही आयकर विभाग की गुपचुप कार्रवाई समाप्त हो गई। 2 दिन की लम्बी एक्सरसाइज के बाद मात्र 1.5 करोड़ की काली कमाई पाई गई। टैक्स वसूलकर आयकर ने इतिश्री कर ली। सवाल यह है कि मात्र 1.5 करोड़ की काली कमाई पकड़ने में 2 दिन कैसे लग गए। सारी कार्रवाई को गुपचुप क्यों किया गया। हर शाम मीडिया अपडेट क्यों जारी नहीं किए गए। सूत्रों का दावा है कि यहां भारी मात्रा में अवैध उड़द की खरीद पकड़ी गई परंतु आयकर विभाग ने मामला खुर्दबुर्द कर दिया।
बीते दिनो से ग्वालियर, छतरपुर, टीकमगढ, आयकर विभाग की संयुक्त टीम टीकमगढ शहर ढोगा स्थित राज दाल मिल का अभिलेख खंगाल रही थी। आयकर विभाग के अधिकारी कर्मचारी ने गुपचुप तरीके से कार्रवाई की। जाॅच के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि मिल मालिक के द्वारा उडद फसल की खरीदी प्राप्त लाइसेंस से कहीं अधिक की जा रही है। यह खरीदी गुपचुप हो रही है एवं टैक्स भी नहीं जमा किया जा रहा।
यह दाल की कालाबाजारी एवं अवैध भंडारण का मामला है परंतु आयकर विभाग ने मप्र शासन के संबंधित विभागों को इसकी जानकारी तक नहीं दी। बस 1.5 करोड़ की काली कमाई रिकार्ड में दर्ज की गई और टैक्स वसूली करके कार्रवाई को बंद कर दिया गया।
