नईदिल्ली। एक कारोबारी की अलमारी से आपको क्या क्या मिल सकता है। जरूरी दस्तावेज, चैकबुक, नोटों की गड्डियां या सोना चांदी, लेकिन गुडगांव में एक बड़े कारोबारी की अलमारी से नाबालिग लड़की को बरामद किया गया था। कारोबारी ने उसे बंधुआ बना रखा था।
झारखंड के गुमला की रहने वाली इस लड़की को दिल्ली के एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए गुड़गांव की कृष्णा कालोनी में रहने वाले एक इंडस्ट्रियलिस्ट सागर जैन के घर पर काम करने के लिए रख दिया गया। यहां पर सागर की पत्नी श्वेता जैन ने उसे अपने जुड़वा बच्चों की देखभाल के लिए लगाया। इसके बदले में उसके साथ जुल्म की सारी हदें पार कर दी गईं। पीड़िता के बदन पर चोट के गहरे निशान हैं। उसकी आंखों पर घाव और पीठ पर गहरा जख्म है।
पड़ोसी ने किया पुलिस को खबर
पीड़ित बच्ची को पिछले छह महीने से एक बंद कमरे में रखा जाता था। उसे खाने के नाम पर रोज सिर्फ दो रोटी दी जाती थी। इतना ही नहीं जब घर में कोई पड़ोसी आ भी जाता था तो उसे अलमारी में बंद कर दिया जाता था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति ने उसे बेहोशी की हालत में देखकर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस के पहुंचने पर भी उसको अलमारी में बंद कर दिया गया।
बच्ची ने किए चौंका देने वाले खुलासे
इस मामले में शक्तिवाहिनी एनजीओ की पहल पर चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और बच्ची को मुक्त कराया। बच्ची ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूरे मामले की जड़ में मानव तस्करी और नाबालिग बच्चों की खरीद फरोख्त का रैकेट है, जो दिल्ली एनसीआर में सक्रिय है। फिलहाल पुलिस ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन के सामने पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए हैं।
मानव तस्करी से जुड़े नेटवर्क की जांच
एसीपी हवा सिंह ने बताया कि पीड़ित बच्ची को शेल्टर होम में भेज दिया गया है पुलिस के आने और घर की जांच के दौरान ही मुख्य आरोपी श्वेता जैन घर से फरार होने में कामयाब रही। फिलहाल सागर जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
