इंदौर। मप्र में एक नेता 22 संवैधानिक पदों पर रहकर काम कर सकता है। वो विधायक भी हो सकता है और महापौर भी। हाईकोर्ट ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया और इस मामले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। मप्र में इसके इतर एक अन्य नियम लागू है कि एक व्यक्ति 2 पदों पर नौकरी नहीं कर सकता।
मालिनी गौड़ के वकील ने कोर्ट को बताया कि गौड़ महापौर के लिए मिलने वाली बंगले गाड़ी की सुविधा का इस्तेमाल नहीं करती हैं और ना ही मेयर हाउस में रहती हैं। इसके साथ ही कोर्ट को बताया गया कि पहले भी कई नेता दो पदों पर रह चुके हैं। जिसमें कैलाश विजयवर्गीय के नाम का उल्लेख किया गया है। मालिनी गौड़ के वकील की दलील पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया। उधर इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील अब डबल बेंच में मामले को लेकर जाने की बात कह रहे हैं।