भोपाल। शिवराज की मोदी से राजनैतिक लड़ाई अब मप्र के नागरिकों पर भारी पड़ने लगी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जो बिहार में विकास के लिए दोनों हाथों से पैसे लुटाते दिखाई दे रहे हैं, मप्र में मरते किसानों के लिए उन्होंने कोई मदद नहीं भेजी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तय किया है कि जनता पर टैक्स लगाकर वसूला गया पैसा किसानों को मुआवजे के तौर पर दे दिया जाएगा और विकास के लिए कुछ नए टैक्स ठोक दिए जाएंगे।
मप्र सरकार वैसे भी डेढ़ लाख करोड़ के कर्जे में चल रही है। उधर मोदी हैं कि मदद करने को तैयार ही नहीं। मप्र फिर से बीमारू राज्य बनने जा रहा है लेकिन शिवराज सरकार खर्चों पर नियंत्रण भी नहीं कर रही है। बस जनता पर टैक्स थोपे जा रहे हैं।
बुधवार को हुई केबिनेट के बाद तय किया गया कि किसानों को 7000 करोड़ की मदद पहुंचाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा जिसमें अनुपूरक बजट लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगला अनुपूरक बजट दिसंबर में आना है, लेकिन हम इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते। दो दिन में पूरी कानूनी और वित्त प्रक्रिया तय कर लें, जिससे सात दिन के शार्ट नोटिस पर विशेष सत्र बुलाया जा सके। इस पर मंत्री गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विशेष सत्र बुलाने से किसानों में अच्छा संदेश जाएगा कि उनके लिए सरकार इतनी गंभीरता से सोच रही है।
बैठक में सभी मंत्रियों ने एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की बात भी कही। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छा कदम है। इस संबंध में हम विधायकों से भी बात करेंगे। बैठक में यह बात भी उठी कि राहत राशि केवल जरूरत मंद किसानों को ही बांटी जाए इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए।