भोपाल। और वो दिन आ ही गया, जब शिवराज की सरकार ने किसानों पर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। घटना होशंगाबाद की है। पुलिस ने यहां किसानों पर लाठीयां भांजी, आंसू गैस के गोले भी छोड़े। किसान मुआवजे की मांग कर रहे थे। दर्जनों किसान घायल हो गए।
जिले के डोलरिया तहसील के सैल गांव में किसान मुआवजे की मांग पर धरने पर बैठे थे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। शुक्रवार रात को उस वक्त बात बिगड़ गई जब पुलिस ने किसान नेता मनीष दुबे को धरनास्थल से हिरासत में ले लिया।
पुलिस की इस कार्रवाई से किसान नाराज हो गए और करीब दो हजार किसानों ने पुलिस थाने का घेराव कर दिया। किसानों का आक्रोश बढ़ता हुआ देख भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। हालात बेकाबू होते देखकर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले भी दागे। पुलिस की इस कार्रवाई में कई किसान घायल हो गए।
शुक्रवार को 2 किसानों ने की आत्महत्या
मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामले नहीं थम रहे है। शुक्रवार को प्रदेश के दमोह और सागर में दो किसानों ने खुदकुशी कर ली। दमोह जिले के पथरिया मे कर्ज में डूबे किसान ललन यादव ने अपने ही खेत पर आत्मदाह कर लिया। फसल खराब होने के अलावा किसान पर पांच लाख रुपए का कर्ज था।
इसी तरह सागर जिले के देवरी में 20 वर्षीय नरेंद्र लोधी ने भी खेत में अपनी जान दे दी। नरेंद्र का शव फांसी पर लटका हुआ मिला। नरेंद्र पर करीब तीन लाख रुपए का कर्ज था और उसकी सोयाबीन की फसल भी बर्बाद हो गई थी।