भोपाल। निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए आई रकम सरपंच सचिवों में ही बंटकर रह गई। 8 जिलों में 15 करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है। अब आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है।
विभागीय जानकारी के अनुसार प्रदेश के सीहोर, रायसेन, सागर, टीकमगढ़, शिवपुरी, खंडवा एवं बालाघाट जिलों में सरपंचों व सचिवों ने मिलकर बगैर शौचालय बनाए ही हितग्राहियों के नाम से राशि का आहरण कर लिया। इस तरह की अधिकांश गड़बड़ी वर्ष 2012 से 2014 के बीच की गई है।
रायसेन के सांची विकासखण्ड की 13 पंचायतों के 150 से ज्यादा गांवों में 3000 टायलेट बनने थे पर निर्माण कागजों पर हो गया। जांच में जब गड़बड़ी मिली तो पूर्व सरपंचों को एक करोड़ से ज्यादा की वसूली के नोटिस दिए गए।
बालाघाट में 2010-14 के दौरान 57 हजार टायलेट बनाए गए। इनमें 6804 जांच में नहीं मिले और रिकार्ड में 5005 हितग्राहियों के नामों में दोहराव मिला, जबकि आनलाइन निर्माण 1.24 लाख बताया गया।
सीहोर, शिवपुरी, टीकमगढ़,खंडवा और सागर में भी अनियमितताएं मिली हैं।
दरअसल 2015 के पहले टायलेट निर्माण के लिए राशि सीधे पंचायतों को दी जाती थी और पंचायतें हितग्राहियों को आवंटित करती थीं।