एक चीनी व्यक्ति का अंतिम संस्कार अंतिम इच्छा के अनुसार उसकी जीवनभर की कमाई 33 हजार डालर, भारतीय मुद्रा में करीब 2100000 रुपए की नकद राशि को उसकी चिता पर रखकर किया गया। इस व्यक्ति की अंतिम इच्छा थी कि उसके जीवनभर की कमाई को उसके दोनों बेटों को देने के बजाय उसके साथ ही चिता पर रख दिया जाए।
दरअसल देखभाल नहीं करने को लेकर यह व्यक्ति अपने दोनों बेटों से खफा था। पूर्वी चीन के जियांग्सू प्रांत के रहने वाले किसान ताओ ने अपनी वसीयत में लिखा था कि मरने पर उसकी जीवन भर की कमाई को उसके साथ ही जला दिया जाए।
स्थानीय श्मशान घाट में कार्यरत कर्मचारी यांग ली ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उसने कई महीने पहले एक शव के साथ हजारों डालर की नकदी को जलते देखा। सरकारी सीसीटीवी ने यह जानकारी दी है। दस साल पहले ताओ ने अपनी जमीन अपने दोनों बेटों को दे दी थी और गांव से कहीं दूर जाकर एक छोटे से किराये के मकान में रहने लगा था। वह शहर में कचरा बीन कर अपना गुजारा करता था। बढ़ती उम्र के चलते ताओ को महसूस हुआ कि वह अब और अधिक काम का बोझ नहीं उठा सकता और उसने अपने बेटों से मदद मांगी। उसे उम्मीद थी कि वह अपना अंतिम समय दोनों में से किसी एक बेटे के साथ गुजारेगा लेकिन दोनों बेटों ने कोई न कोई बहाना बनाकर उसकी अपील को खारिज कर दिया।
यह जानकर दी गई है कि अब उसके गिने चुने दिन बचे हैं ताओ ने खुद ही अपने लिए अंतिम समय में पहने जाने वाले पारंपरिक कपड़े सिलवा लिए थे। उसके पड़ोसियों ने यह जानकारी दी। ताओ ने किराये के घर में ही अंतिम सांस ली। मौत के बाद उसके बेटे उसके शव को श्मशान घाट ले गए। उसी समय एक रहस्मय व्यक्ति ने आकर ताओ की अंतिम इच्छा के अनुसार 210, 000 युआन यानि 33, 052 डॉलर की पूरी कमाई उसकी चिता पर रख दी।