बैतूल। दोस्ती से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। एक बार फिर यह साबित हो गया जब एक मुसलमान दोस्त ने अपने हिंदू दोस्त का हिंदू रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया।
बैतूल के रज्जाक खान के हिन्दू दोस्त संतोष की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई थी। रज्जाक ने अपने गरीब दोस्त का अंतिम संस्कार पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से किया। रज्जाक ने खुद संतोष को मुखाग्नि दी। संतोष के परिवार में पत्नी के अलावा एक छोटी बच्ची है। संतोष 12 दिन से बीमार था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बैतूल की जनआस्था संस्था ने अंतिम संस्कार का इंतजाम किया।
रज्जाक ने बताया,'संतोष से उसकी दोस्ती लगभग 8 वर्ष पुरानी थी। परिवार में पत्नी और छोटी बच्ची होने के बाद मैंने दोस्त का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। मैं अपने दोस्त के जाने से दु:खी हूं, लेकिन इस बात का संतोष भी है कि मुझे उसका अंतिम संस्कार करने का मौका मिला।'
यह है संतोष की कहानी...
बैतूल के सोनाघाटी क्षेत्र में रहने वाला पेशे से मजदूर संतोष सिंह मूलत: हरदा से था। वह पिछले 10 सालों से पत्नी छाया सिंह और 8 वर्षीय पुत्री कंचन के साथ बैतूल में रह रहा था। वह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहा था। संतोष पिछले कुछ दिनों से बीमार रहने लगा था। रज्जाक ने अपने अभिन्न मित्र की बीमारी ठीक कराने के लिए जमीन-आसमान एक कर दिया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां जाकर पता चला कि संतोष को टीबी है। पिछले 5 दिनों से संतोष की तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी थी। डॉक्टरों ने अपनी जांच में पाया कि उसे टीबी रोग के साथ-साथ पीलिया रोग ने भी घेर लिया है। शनिवार रात 12 बजे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
