कालीकमाई: रिटायरमेंट वाले दिन के. सुरेश के बंगले पर नोटिस चस्पा

भोपाल। मप्र शासन के सामान्य प्रशासन विभाग में बतौर प्रमुख सचिव सेवाएं दे रहे के. सुरेश को उनके रिटायरमेंट वाले दिन विभागीय कार्रवाई सबंधी नोटिस थमा दिया गया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से नोटिस लेने से इंकार कर दिया तो उनके बंगले पर नोटिस चस्पा किया गया। 

के. सुरेश का तर्क है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं ऐसे में विभागीय जांच का आरोप पत्र जारी नहीं किया जा सकता। ऐन सेवानिवृत्ति के दिन सरकार की इस कार्रवाई से नाराज होकर उन्होंने विदाई लेने से भी इंकार कर दिया। संभवत: प्रदेश के इतिहास में यह पहली कार्रवाई है, जब राज्य सरकार ने किसी आला अफसर के बंगले पर नोटिस चस्पा करवाया है।

के. सुरेश के मंत्रालय आने की खबर मिलने पर मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा मिलने उनके कक्ष में गए थे और बातचीत के दौरान उन्होंने सुरेश को आरोप पत्र लेने की सलाह भी दी। सुरेश ने कहा कि सरकार ने मुझे पदोन्न्त न करके मेरा अधिकार तो छीना ही है, साथ ही सेवानिवृत्ति के दिन मुझे विभागीय जांच का आरोप-पत्र थमाया जा रहा है। इसके बाद वह घर चले गए। इस बीच मुख्य सचिव के आदेश पर कार्मिक विभाग ने उनके बंगले पर उक्त आरोप पत्र का नोटिस चस्पा कर दिया।

सीबीआई ने दर्ज किया था आय से अधिक संपत्ति का मामला 
के. सुरेश 2004-09 तक प्रतिनियुक्ति पर चैन्न्ई पोर्ट ट्रस्ट के सीएमडी थे। 2008 में सीबीआई ने छापा मारा और उन पर आय से अधिक संपत्ति सहित कई मामले दर्ज किए। सीबीआई द्वारा अभियोजन स्वीकृति मांगे जाने पर सुरेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई की कार्रवाई को चुनौती दे रखी है, मामले में सुनवाई चल रही है। इधर डीओपीटी ने सेवानिवृत्ति के ठीक 3 दिन पहले इसी मामले में विभागीय जांच का आरोप पत्र जारी किया। तामील करवाने दिल्ली से विशेष तौर पर अवर सचिव आर.के. वर्मा को भोपाल भेजा था लेकिन के. सुरेश ने छुट्टी पर होने की बात कहकर लेने से इंकार कर दिया था। डीओपीटी के अधिकारी इसे कार्मिक विभाग में देकर चले गए थे।

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