नई दिल्ली। आरक्षण पर फिर से विचार के लिए एक समिति बनाए जाने से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान से बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने आज कहा कि वह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों के आरक्षण के अधिकारों का सौ फीसदी सम्मान करती है। इसके साथ ही उसने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर दोबारा विचार करने की कोई जरूरत नहीं है और न ही बीजेपी ऐसे किसी मांग का समर्थन करती है। वहीे, आरएसएस ने अपनी सफाई में कहा है कि भागवत के बयान का गलत मतलब निकाला गया है। संगठन का कहना है कि आरक्षण का लाभ वंचितों को मिलना चाहिए। यह बयान गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के संदर्भ में दिया गया था।
आरक्षण पर पुनर्विचार के पक्ष में नहीं बीजेपी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में बुलाए गए संवददाता सम्मेलन में कहा, 'जनसंघ के समय से बीजेपी की यह दृढ़ प्रतिबद्धता रही है कि सामाजिक एवं आर्थिक विकास और सशक्तिकरण के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण जरूरी है। बीजेपी इन वर्गों को दिए गए आरक्षण पर किसी तरह के पुनर्विचार के पक्ष में नहीं है।'
प्रसाद ने कहा कि इस बात पर चर्चा का स्वागत है कि गरीबों और ऐसे पिछड़े वर्गों में जो वर्ग विकास के लाभ पाने से वंचित रह गए हैं, उनके लिए और क्या किया जा सकता है। उन्होंने हालांकि कहा कि बीजेपी मौजूदा सभी आरक्षण लाभों को जारी रखने के पक्ष में है। उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर बीजेपी इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट है कि आरक्षण के मुद्दे पर पुनर्विचार करने की कोई जरूरत नहीं है और न ही बीजेपी ऐसी किसी मांग का समर्थन करती है।'
आरएसएस प्रमुख ने आरक्षण नीति पर पुनर्विचार की बताई थी जरूरत
आपको बता दें कि भागवत ने संघ के मुखपत्र पांचजन्य और ऑर्गेनाइजर में दिए इंटरव्यू में कहा है आरक्षण नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उनका कहना है कि आरक्षण का राजनीतिक उपयोग किया गया है और सुझाव दिया कि ऐसी अराजनीतिक समिति गठित की जाए जो यह देखे कि किसे और कितने समय तक आरक्षण की जरूरत है।
लालू ने साधा पीएम मोदी पर निशाना
वहीं संघ प्रमुख के इस बयान पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने प्रधानमंत्री को सीधे निशाने पर लेते हुए सवाल किया कि क्या वह आरक्षण समाप्त करने जा रहे हैं। लालू ने कहा, 'मोदीजी क्या अपने आका भागवत के आदेश पर आरक्षण समाप्त करने जा रहे हैं।
बीजेपी ने बात घुमाई
उधर लालू के इस प्रहार का जवाब देते हुए बिहार बीजेपी महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने उनसे सवाल किया कि जिन पिछड़ों के नाम पर आरेडी नेता राजनीति करते रहे हैं उन्हें उनके 15 साल के शासन में क्या लाभ मिले हैं। यादव ने कहा, 'लालू जिसे 'मंडल राज' कहते हैं, बिहार की जनता उसे 'जंगल राज' मानती है।'
