भोपाल। व्यापमं के जाल में अटकीं मप्र पुलिस की 12000 भर्तियां अब ज्यादा देर तक व्यापमं के झमेले में उलझी नहीं रहेंगी। या तो दिसम्बर तक व्यापमं के माध्यम से भर्ती परीक्षाओं का आयोजन हो जाएगा या फिर पुलिस विभाग सीधी भर्ती कर डालेगा।
राज्य सरकार ने पुलिस बल में 5500 नए पद मंजूर किए हैं और आरक्षकों के लगभग 6000 पदों पर भर्ती एक वर्ष से लंबित है। सूत्रों का कहना है कि सीधी भर्ती के बजाए व्यापमं के जरिए परीक्षा आयोजित करने के नियम से यह हालात बन रहे हैं। पिछले दो-तीन साल में पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति और अन्य कारणों से रिक्त हुए पद भी नहीं भरे जा सके हैं।
रिक्त पदों के लिए पुलिस महकमा व्यापमं से काफी समय पहले भर्ती परीक्षा का आग्रह कर चुका है, लेकिन व्यापमं के साथ जुड़े विवाद आदि के चलते परीक्षा आयोजित नहीं हो पाई, इसके बाद मई में सरकार ने 6000 नए पद भी मंजूर कर दिए।
आरक्षण का भी पेंच
सूत्रों का कहना है कि परीक्षा में देरी से आरक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण का पेंच आ गया। यदि इसमें देरी नहीं होती तो यह भर्ती भी हो चुकी होती। एडीजी (चयन) प्रमोद फलणीकर का कहना है कि अब रिक्त पदों व नवसृजित पदों पर भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा, हमारी तैयारी कमोबेश पूरी है तथा अगले एक-दो दिन में व्यापमं को परीक्षा आदि आयोजित करने औपचारिक पत्र भेजा जाएगा। इसके बाद जो हालात बनते हैं, उसके मुताबिक निर्णय होगा।
SAF पर फिर मागदर्शन मांगेंगे
पुलिस बल व एसएएफ में भर्ती का जिम्मा मुख्यालय की चयन शाखा को मिलने के बाद अफसर चाहते हैं कि राज्य शासन से एसएएफ में महिला आरक्षण के संबंध में फिर राय ली जाए। अब तक एसएएफ अपनी भर्ती खुद करता था और इसमें महिलाओं के लिए प्रावधान नहीं था। चूंकि यह काम अब चयन शाखा कर रही है, इसलिए वह शासन से राय लेना चाहती है। ज्ञात हो महकमा जिला बल में महिला आरक्षण 20 फीसदी ही चाहता था,लेकिन राज्य सरकार ने इसे 33 प्रतिशत रखने के निर्देश दिए हैं।