अब हत्यारों का राज है, शिवराज नहीं शवराज है

भोपाल। लोकसभा चुनावों से पूर्व पार्टी के भीतर हुई प्रतियोगिता में मोदी से हारे शिवराज सिंह चौहान संसद तो नहीं पहुंच पाए लेकिन उनका नाम लगातार संसद में गूंजता रहा। यह व्यापमं घोटाले का प्रताप था जो शिवराज सिंह चौहान के नाम पर संसद के भीतर प्लेकार्ड लहराए गए, लगातार सदन ठप होता रहा। नाम नहीं हो पाया तो क्या, सदन में शिवराज बड़ा बदनाम हुआ।

लोकसभा में प्लेकार्ड्स पर कांग्रेसी सांसदों ने क्या क्या लिख रखा था आप भी पढ़िए:

‘‘मौत है, कफन है, अर्थी है व्यापमं,
जलियावालां बाग के समानार्थी है व्यापमं।''

‘‘मोदी का हठ दंभ, और दम है व्यापमं,
मां बहनों की आंखों का नम है व्यापमं।''

‘‘करो तसल्ली थोड़ी सी, तुम सबका राजफाश होगा,
मिल जाओगो सब मिट्टी में, देखो, ऐसा विनाश होगा।''

‘‘रोज मौतों की दास्तां है व्यापमं,
प्रदेश का नया कब्रिस्तान है व्यापमं।''

''अच्छे दिन गुजर चुके तेरे,
अब बहुत बुरे दिन आएंगे,
अगर जरूरत पड़ी तो लाखों
अक्षय पैदा हो जाएंगे।''

‘‘अब हत्यारों का राज है, शिवराज नहीं शवराज है।’’

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