पाक परस्त थे सैफ अली खान के पूर्वज

भोपाल। वॉलीवुड के प्रख्यात एक्टर एवं भोपाल के नवाब सैफ अली खान के पूर्वज पाक परस्त थे। वो ना केवल खुद पाकिस्तान जाना चाहते थे बल्कि भोपाल रियासत का विलय भी पाकिस्तान में कराना चाहते थे। भोपाल बैंक में जनता का जमा करोड़ों रुपया उन्होंने जिन्ना को दे दिया था। सन् 1948 में यदि जिन्ना की मौत ना हो गई होती तो भोपाल की सूरत कुछ और ही होती।

भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह किसी भी हालत में भारत के साथ अपनी रियासत का विलय नहीं करना चाहते था। उन्होंने संधीपत्र पर साइन करने से मना कर दिया था। पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना के काफी करीबी होने के कारण उन्हें भारत सरकार पर दबाव बनाने में मदद मिल रही थी। इस बीच पाकिस्तान जाने की तैयारी कर रहे नवाब हमीदुल्ला ने भोपाल बैंक और रियासत का खजाना पाकिस्तान भेज दिया। खजाना भेजने के बाद नवाब ने अपनी बेटी आबिदा से भोपाल रियासत का शासक बनने कहा। बेटी ने पूरी स्थिति को समझ मना कर दिया। इसके बाद नवाब हज को चले गए।

लोगों की जमा पूंजी थी वो
नवाब हमीदुल्ला ने भोपाल रियासत की जिस बैंक का खजाना पाकिस्तान भेजा था उसमें करोड़ों रुपए भोपाल के लोगों के जमा थे। बाद में इस बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया गया। हजारों लोगों की खून-पसीने की कमाई को नवाब ने डुबो दिया।

मजबूरी में किया विलय
कहा जाता है कि भोपाल रियासत के भारत में विलय की देरी की वजह जिन्ना थे। जिन्ना उन्हें कई तरह के प्रलोभन दे रहे थे। इसके साथ ही वह दोहरी नीति पर काम कर रहे थे। उनकी सोच किसी भी तरह भारत को अशांत रखने की थी। 11 सितंबर 1948 को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मौत हो गई। पाकिस्तान का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला। इधर नवाब को सरदार पटेल की सख्त चेतावनी मिल गई थी। अंततः भारी मन से नवाब ने एक जून 1949 को भोपाल रियासत का विलय भारत में कर दिया।

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