व्हीआईपी के लिए सारा दिन बंधक बने रहे महाकाल

उज्जैन। श्रावण मास के चौथे सोमवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने बाबा महाकाल को ही बंधक बना डाला। उनके दर्शन सिर्फ व्हीआईपी के लिए ही उपलब्ध थे। आम भक्तगण घंटों लम्बी कतार में धक्का खाते रहे, परेशान होते रहे लेकिन ठीक प्रकार से शिवलिंग के दर्शन तक नहीं कर पाए। गर्भग्रह में व्हीआईपी की भीड़ इतनी थी कि आम भक्तों को दर्शन ही नहीं मिल रहे थे।

श्रावण मास के आखिरी सोमवार को महाकाल मंदिर में देशभर से उमड़े लाखों श्रद्धालुओं ने दिनभर भारी अव्यवस्थाओं के बीच भगवान महाकाल के दर्शन किए। वीआईपी व सशुल्क दर्शन की वजह से आम लोगों की लाइन रुकी रही। सुबह 9.30 बजे भीड़ बढ़ते देख कलेक्टर कवींद्र कियावत ने मंदिर में सारे गेटों पर ताले लगवाकर लोगों का प्रवेश रुकवाया और नंदीहॉल में खड़े रहकर मोर्चा संभाला।

सुबह 6 बजे से लोग बेरिकेड्स की लंबी लाइन में लगकर दर्शन के इंतजार में घंटों खड़े रहे। मंदिर समिति ने बेरिकेड्स में श्रद्धालुओं के पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं की। लोगों ने बाहर होटलों से पानी के पाउच व बोतलें लाकर काम चलाया।

प्रवचन हॉल गेट से वीआईपी और 151 की रसीद वाले लोगों को लगातार प्रवेश देने के कारण मंदिर का सभामंडप, नंदीहॉल और बेरिकेड्स फुल हो गए। इससे आम श्रद्धालुओं की लाइन आगे ही नहीं बढ़ रही थी। लोगों ने बेरिकेड्स में जब शोरशराबा किया और मंदिर प्रशासन के अधिकारी व्यवस्था संभालने में अक्षम साबित हुआ तो परिसर में मौजूद कलेक्टर कवींद्र कियावत ने खुद मोर्चा संभाला और बजाए दर्शनों को सुलभ बनाने के चौकी गेट, प्रवचन हॉल गेट सहित सभी गेटों पर ताले लगवाकर आवागमन रुकवा दिया।

मंदिर के सारे अधिकारी पूरे समय वीआईपी की आवभगत में लगे रहे। सहायक प्रशासक प्रीति चौहान ने तो गलती से मीडियाकर्मी के सामने ही एक कर्मचारी से यह तक कह दिया कि अधिकारियों के गेस्ट के दर्शन आराम से हुए या नहीं। किसी भी अधिकारी को आम लोगों की चिंता नहीं थी। अव्यवस्थाओं के बीच ही लोगों ने दर्शन किए।

ये वीआईपी आए
सुबह केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा आए। दोपहर में सीएम की पत्नी साधना सिंह, पीपी नावलेकर लोकायुक्त मप्र ने महाकाल के दर्शन किए।

प्रशासक का अजीब बयान सब महाकाल के भरोसे
महाकाल मंदिर में श्रावण सोमवार को दर्शन के दौरान आम श्रद्धालुओं को हुई परेशानी व अव्यवस्थाओं को लेकर शाम को रामघाट पर महाकाल सवारी के दौरान जब मंदिर समिति के प्रशासक आरपी तिवारी से मीडिया ने सवाल-जवाब किए तो वे कुछ भी कहने से बचते हुए इतना ही बोले-सब महाकाल के भरोसे है। मीडियाकर्मी उनसे लगातार सवाल करते रहे, वे हर बार इसी शब्द को दोहराते रहे। 
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