इंदौर। धामनोद के उद्योगपति प्रहलाद भंडारी को किडनेप करने आए यूपी के सुपारी किलर्स को कांग्रेस के धाकड़े नेता एवं पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा के भतीजे ने पनाह दी थी। गैंग को रिंकू ने इंदौर खजराना के फ्लैट में रुकवाया था। रिंकू ने इन किलर्स को एक रेत कारोबारी को मारने के लिए सुपारी दी थी, लेकिन वारदात से पहले ही किलर्स पुलिस के हाथ लग गए। रिंकू फरार हो गया।
एएसपी क्राइम विनयप्रकाश पॉल ने बताया जतन सिरोही उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश रहा है। वह जब जेल में बंद था तब उसकी मुलाकात होशंगाबाद के कमल सिंह चौहान से हुई थी। सालभर पहले कमल के बेटे राजू की हत्या होशंगाबाद के नीतेश कंजर ने कर दी थी। कमल ने इसका बदला लेने के लिए जतन की गैंग से संपर्क किया। जतन का तो कुछ समय पूर्व पुलिस एनकाउंटर कर चुकी है। कमल ने जतन की गैंग के अमित से संपर्क किया था। इसी अमित को बुधवार रात पकड़ा गया।
अमित से पूछताछ में खुलासा हुआ उसने गैंग के साथी भूषण, सोनू और मोनू के साथ मिलकर होशंगाबाद में नौ महीने पहले नीतेश कंजर की हत्या की। कमल ने इस हत्या के लिए दस लाख रुपए की सुपारी दी थी। इस हत्याकांड के बाद से यह सभी आरोपी फरार थे। इसके बाद यह बदमाश दिल्ली चले गए। वहां दिल्ली से नोएडा के बीच उन्होंने एक और व्यक्ति की हत्या सुपारी लेकर की थी। वहां पुलिस से मुठभेड़ में उनका एक साथी मोनू घायल हो गया था। उसे वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
होशंगाबाद में हुआ था रिंकू से संपर्क
आरोपियों ने बताया जब होशंगाबाद में जब वे नीतेश की हत्या के लिए गए थे तब रिंकू वर्मा से मुलाकात हुई थी। दिल्ली की वारदात के बाद रिंकू ने उनसे संपर्क किया और इंदौर में संरक्षण देने का कहा। इस पर पहले गिरोह कुछ दिन होशंगाबाद में रुका और फिर 31 अगस्त को इंदौर आया। यहां रिंकू ने खजराना के फ्लैट में रुकवाया। रिंकू जल्द ही उन्हें रेत व्यापारी की हत्या का काम सौंपने वाला था। इससे पहले अनिल पाटीदार ने भंडारी के अपहरण का बड़ा काम बता दिया।