सड़ी सब्जियों और केमिकल से बन रहा है टोमेटो-चिली सॉस

भोपाल। यदि आप ठेले-दुकानों से फास्ट फूड खरीद कर खा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाए! बाजार में धड़ल्ले से सड़े कद्दू, आलू और केमिकल का इस्तेमाल कर टोमेटो-चिली सॉस बनाया जा रहा है। इसमें टमाटर का नामो-निशान तक नहीं है।

वहीं, आम से बनने वाले आमरस में भी सड़े गुड़, सड़ी खटाई, मैदा जमकर मिलाया जा रहा है। लाल-हरे रंग के लिए हानिकारक रसायनों का प्रयोग हो रहा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है।

कानपुर में बर्रा के जरौली इलाके में चल रही मिलावटी आमरस, सॉस के साथ-साथ कोकोनट टॉफी बनाने की फैक्ट्री में रविवार शाम फूड विभाग की टीम ने छापेमारी की। फैक्ट्री के अंदर का नजारा देख सभी के होश उड़ गए। वहां पर सड़े-गले सामानों से सॉस और आमरस बनाया जा रहा था। उस दुर्गंध में सभी का सांस लेना दूभर हो गया। फैक्ट्री में बड़े-बड़े भगौने रखे हुए थे, जिन्हें गुड़ और केमिकल युक्त रंगों के साथ पकाया जा रहा था।

कानपुर में ऐसी कई फैक्ट्रियां हैं। इसके अलावा देश के कई शहरों में इसी पद्धति का उपयोग करते हुए टौमेटो-चिली सॉस बनाए जा रहे हैं। सामान्यत: ये सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ियों पर उपयोग किए जाते हैं, लेकिन कई प्रख्यात रेस्टोरेंट में भी इनको उपयोग किया जा रहा है।

खाद्य विभाग को मिलता है कमीशन
स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक फूड प्रॉडक्ट्स के बारे में फूड डिपार्टमेंट के अधिकारियों को पूरी जानकारी होती है परंतु उन्हें इसके एवज में मोटा कमीशन मिलता है इसलिए डिपार्टमेंट के अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। 

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