भोपाल। मप्र बिजली वितरण कम्पनियों में संविदा पर कार्यरत बीस हजार सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री, लाईन मेन, परीक्षण सहायक 2 सितम्बर 2015 को विद्युत वितरण कम्पनियों में बैठे मैनेजिंग डायरेक्टरों की हिटलर शाही और तानाशाही के रवैये के खिलाफ हड़ताल पर रहेंगें।
मप्र विद्युत वितरण कम्पनियों में बैठे एमडी, विधिवत् परीक्षा के माध्यम् से चयनित होकर नौकरी में आए संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर रहे हैं और उनके स्थान पर निजी एंजेसियों के माध्यम से आऊट सोर्सिंग पर कर्मचारी रख रहे हैं।
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट था कि यदि सरकार तीसरी बार बनती है तो सबसे पहले मप्र विद्युत वितरण कम्पनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा। म.प्र. सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करना तो दूर विद्युत वितरण कम्पनियों में बैठे उनके उच्च अधिकारियों ने निजी एजेंसियों से कमीशनखोरी के चलते संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर रहे हैं।
इससे प्रदेश के दो लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है । सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों, शोषण कारी नीतियों, तथा म.प्र. विद्युत वितरण कम्पनियों में बैठे आई.ए.एस अधिकारियों के द्वारा संविदा कर्मचारियों की संविदा समाप्त कर आऊट सोर्सिंग के द्वारा की जा रही भर्ती के विरोध में म.प्र. विद्युत वितरण की तीनों कम्पनियों के बीस हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी दो सितम्बर 2015 को प्रदेश व्यापी हड़ताल पर रहेंगें । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि यदि सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया तो संविदा विद्युत कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 30 सितम्बर से चले जायेंगें ।
रमेश राठौर
प्रदेश अध्यक्ष
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