भोपाल। मप्र शासन ने जीमेल, याहू, रेडिफ या ऐसी किसी भी विदेशी ई-मेल सेवा को प्रतिबंधित करने जा रहा है। अब यदि ऐसी किसी भी सेवा का उपयोग किया गया तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में आईटी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। इसके अनुसार अधिकारी-कर्मचारियों के ई-मेल पर नजर रखने के लिए मैप आईटी में ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर मैनेजमेंट यूनिट स्थापित की जाएगी।
इस यूनिट में पदस्थ आईटी एक्सपर्ट प्रदेश के आईएएस अफसरों के साथ राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों के ई-मेल का लेखा-जोखा रखेंगे। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी द्वारा विदेशी कंपनी के ई-मेल एड्रेस से सरकारी काम-काज किया जाता है, तो तत्काल उसे मैसेज भेजकर चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद दूसरी बार कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को मेल भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है यह सारी कवायद भारत सरकार के निर्देश पर की जा रही है।
केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि विदेशी कंपनियों के मेल पर काम करने से सरकार के काम-काज की जासूसी हो सकती है। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा, सायबर सुरक्षा, कम्प्यूटर और उसके नेटवर्क को संभावित खतरों से बचाने के लिए आईटी एक्ट 2000 का पालन कड़ाई से करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को सरकारी ई-मेल पर ही काम करने को कहा जाए। सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य सरकार फ्री ई-मेल सुविधा उपलब्ध कराएगी। केन्द्र ने उक्त निर्देशों का पालन कड़ाई से करने को कहा है।