जमशेदपुर। सारथी बाबा उर्फ संतोष राउला (45 वर्ष) को धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के मामले में ओडिशा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के बारीमूला आश्रम से उन्हें पकड़ा गया है। बाबा के भक्त सिर्फ ओडिसा में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भी थे।
बाबा का असली चेहरा सामने आने पर भक्तों ने ही उनका विरोध शुरू कर दिया। आश्रम पर पत्थरबाजी की और शहर में लगे पोस्टर फाड़ डाले गए। विरोध की आग झारखंड तक पहुंच गई। जमशेदपुर के कई इलाकों में बाबा के भक्तों ने उनका पुतला जलाया।
खुद को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार बताने वाले सारथी बाबा के पास 2.28 लाख रुपए नकद, 15 किलो चांदी मिली है। उनके आश्रम से 5 किलो के चांदी की दो तलवारें, 55 किलो वजन के पदक (बाबा की उपलब्धियों के लिए भक्तों ने दिए थे) भी मिले हैं। उनपर आरोप है कि तीन जुलाई को सारथी बाबा एक युवती के साथ एक होटल में रूके थे। इस दौरान वे जींस पैंट पहनकर घूम रहे थे। यह भी सामने आया कि वे होटल में चिकन, मटन खा रहे थे और बीयर पी रहे थे। इसके बाद बाबा का विरोध होने लगा था।
बाबा पर आरोप लगने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जांच के आदेश दे दिए थे। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। ओडिशा क्राइम ब्रांच एडीजी बीके शर्मा के मुताबिक, बाबा को धोखाधड़ी और अन्य मामले में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि बाबा के आलीशान आश्रम के कागज फर्जी निकले हैं। बाबा के एक बेटे के नाम पर भुवनेश्वर में दो करोड़ रुपए का एक आलीशान भवन होने की बात भी सामने अाई है।
चमत्कार दिखाकर करते थे प्रभावित
कथित बाबा चमत्कार दिखाकर लोगाें को प्रभावित करते थे। पैरों से शहद निकाल उससे इलाज करना, हाथ से भस्म निकालना, दूध गिराना जैसे कमाल दिखाते थे। वे चुटकी बजाकर समस्या समाधान का दावा भी करते थे। क्षेत्रीय चैनलों में उनका प्रवचन भी चलता था।