भर्ती कांड: हर दस्तावेज में पति और पिता का नाम बदला

मंडला। आंगनवाड़ी में भर्तियों के दौरान हुई रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है। एक मामले में तो जिस महिला को नौकरी दी गई उसके हर दस्तावेज में पति और पिता के नाम अलग अलग हैं। स्वभाविक है इनमें से कोई एक ही सही हो सकता है, फिर भी नौकरी दे दी गई। आरोप है कि यह फर्जीवाड़ा मात्र 30 हजार रुपए में किया गया।

मामला जिले के महराजपुर उनपगर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति में फर्जीवाड़े से जुड़ा है। जहां महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने रुपए लेकर अपात्र अभ्यर्थी का चयन कर दिया है। जिसका खुलासा एक दूसरे अभ्यर्थी ने मय प्रमाण दस्तावेजों के जरिए किया है।

पति के चार अलग अलग नाम
खुलासे में सामने आया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता क्षिप्रा बख्शी के दस्तावेजों में पति के चार अलग अलग नाम दर्ज़ हैं। वहीं, पिता के नाम पर भी असमानताएं देखने को मिल रहीं हैं।

क्षिप्रा के दस्तावेजों में कहीं पिता का नाम गुरुस्वरूप दर्ज़ है, तो कहीं पति का नाम गुरुचरण और रामचरण दर्ज़ है। दसवीं कक्षा की मार्कशीट में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाली महिला का नाम क्षिप्रा तिवारी पिता सुशील तिवारी दर्ज़ है, तो पोस्ट ग्रेजुएशन की मार्कशीट में क्षिप्रा तिवारी पिता गुरुस्वरूप बख्शी दर्ज़ है।

दस्तावेज मेल नहीं खाते
हैरत की बात यह है कि क्षिप्रा बख्शी नाम की महिला ने जिन दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई है, वे तमाम दस्तावेज एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं। इसके बावजूद भी नियमों को ताक पर रखते हुए उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए नियुक्त कर दिया गया। वहीं, योग्य उम्मीदवार दावे-आपत्तियों के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है।

30 हज़ार में नौकरी
यह खुलासे करने वाले पीड़ित उम्मीदवार की मानें, तो पहले उसे भी आंगनवाड़ी में नौकरी देने के बदले परियोजना अधिकारी ने तीस हज़ार रुपयों की मांग की। मगर उसने रुपए देने से इंकार कर दिया, इसलिए उसे अपात्र बताते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर क्षिप्रा बख्शी को नियुक्त कर दिया गया।

कोई सुनवाई नहीं
अपात्र क्षिप्रा बख्शी का खुलासा करने वाले पीड़ित उम्मीदवार का कहना है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता में भर्ती के नाम पर अभ्यर्थियों से खुलेआम लेनदेन किया जा रहा है। पीड़ित अभ्यर्थी पंचायत से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक कर चुके हैं, मगर जब महिला सशक्तिकरण का दावा करने वाली सरकार और उनके नौकरशाह मूकदर्शक बने हुए हैं।

कुंवारी युवती को विवाहित बताया
गौरतलब है कि मवई विकासखण्ड के बिलगांव की बैगा युवती बिसाहिन बाई का झूठा पंचनामा बनाकर भी महिला बाल विकास के अधिकारियों ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। यही नहीं, हद तो तब हो गई जब पंचनामे में कुंवारी बिसाहिन को विवाहित बताया गया, वो भी उसके फुफेरे भाई के साथ जो पहले से तीन बच्चों का पिता है। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!