ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर की सेंट्रल जेल में बंद PMT फर्जीवाड़े के आरोपियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु की इजाजत मांगी है। चिट्ठी में आरोपियों ने कहा है कि उन्हें या तो जमानत दिलाई जाए या फिर मरने की परमिशन दे दी जाए। मध्यप्रदेश व्यापमं (व्यवसायिक परीक्षा मंडल) के तहत कराए गए पीएमटी में गड़बड़ी के आरोप में इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
SIT की जांच की खामियों का भुगतना पड़ रहा है खामियाजा
सेंट्रल जेल ग्वालियर में कैद PMT फर्जीवाड़े के 70 आरोपियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखी चिट्ठी पर दस्तखत किए हैं। इन आरोपियों ने शिकायत की है कि जांच करने के SIT अफसरों के जांच के गलत तरीके की वजह से उन्हें लंबे अरसे से जेल में रहना पड़ रहा है, जबकि उन पर आरोप साबित नहीं हुए हैं। जांच में तकनीकी खामियों और देरी की वजह से उन्हें लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी। जबकि कोरे कागज पर जबर्दस्ती कराए गए सिग्नेचर के आधार पर मेमोरेंडम बना लिया गया। इसी बेस पर SIT ने उन पर आरोप लगा दिए। चिट्ठी में यह आरोप भी लगाया है कि SIT दबाव बनाकर उनसे उगाही भी करती है।
सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग से भी शिकायत
जमानत या मौत दोनों में से एक की मांग करने वाली इस चिट्ठी को 70 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट और राट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजा है। चिट्ठी में ज्यूडिशियल प्रॉसेस (न्यायिक प्रक्रिया) में गैर बराबरी की भी शिकायत की गई है। बताया गया है कि जबलपुर, भोपाल और इंदौर में उन्हीं के जैसे आरोपों के तहत बंद किए गए स्टूडेंट्स को जमानत मिल गई है। लेकिन उन्हें लाख कोशिशों के बावजूद जेल में ही रहना पड़ रहा है।
