सिएटल। इंटरनेट के जरिए रिटेल बिजनेस करने वाली दिग्गज ग्लोबल कंपनी अमेजन कर्मचारियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार करती है। इसका खुलासा कंपनी के ही कुछ कर्मचारियों ने किया है। वैसे कंपनी कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक बर्ताव करने का दावा करती रही है। अमेजन कहती है, 'अपने कर्मचारियों को सुरक्षित और पॉजिटिव वर्कप्लेस मुहैया कराने के लिए हमें गर्व है।' लेकिन, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के अमेरिका और लंदन स्थित वेयरहाउस में काम करने वाले कर्मचारियों की हालत को लेकर रोंगटे खड़ा करने वाले खुलासे हुए हैं।
अमेजन पर पहले भी ब्रिटेन में वेयरहाउस स्टाफ के साथ जानवर जैसे बर्ताव करने का आरोप लग चुका है। कहा जाता रहा है कि कर्मचारियों से काफी मेहनत कराई जाती है। ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि अमेरिका में उनके समकक्ष उनसे भी ज्यादा सख्त हालात का सामना करते हैं। पेनिसिल्वानिया स्थित वेयरहाउस में स्टाफ से कथित रूप से 30 सेल्सियस से भी ज्यादा तापमान में काम कराया जाता था। जब इस बारे में अखबारों में रिपोर्ट्स प्रकाशित होने के बाद वहां एसी लगवाया गई। हालत ऐसी थी कि गर्मी से चकराकर गिरने वाले स्टाफ को अस्पताल ले जाने के लिए हमेशा ऐम्बुलेंस खड़ा रहता था।
सिऐटल स्थित कंपनी के मुख्यालय में काम करने वाले एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि उन्हें हफ्ते में 80-80 घंटे काम करना पड़ता था। छुट्टी में होते थे या रात का कितना भी बज रहा होता, ऑफिस से ई-मेल्स आ जाते थे। किसी तरह की परेशानी की शिकायत करने पर काम से हटा देने की धमकी देने का मामला भी सामने आया है।
एक महिला कैंसर से पीड़ित थी, सही से काम नहीं कर पाने के कारण उन्हें भी नहीं बख्शा गया। एक महिला जिनके पिता कैंसर से पीड़ित थे, उन्होंने बताया कि वहां यदि आप एक हफ्ते में 80 घंटे तक काम नहीं कर पाते हैं तो आपको टॉर्चर किया जाता है। एक महिला का गर्भपात हो गया और सर्जरी के अगले दिन ही उन्हें बिजनेस ट्रिप पर जाना पड़ा क्योंकि उनके बॉस ने यह कहकर छुट्टी देने से मना कर दिया, 'मैं छुट्टी नहीं दे सकता, काम पूरा करना जरूरी है।
अभी आप जिस ओहदे पर हो वहां मेरे ख्याल से यह काम (परिवार बसाना) उचित नहीं है।' दो साल से भी कम समय तक अमेजन में बुक मार्केटिंग की भूमिका निभाने वाले एक अन्य पूर्व कर्मचारी ने बताया कि वे हमेशा ऑफिस में सहकर्मियों के आंखों से आंसू बहते देखते थे। एक स्टाफ बो ऑल्सन ने बताया, 'आप कॉन्फें्रस रूम से बाहर निकलोगे तो देखोगे कि एक आदमी ने अपना चेहरा ढंक रखा है। मैंने जिन लोगों के साथ काम किया करीब-करीब हर किसी को रोते हुए देखा।'
वेयरहाउस के कर्मचारियों को एक शिफ्ट में दौरान 27 मील तक चलना पड़ता है और उनके टॉयलेट जाने के समय पर भी नजर रखी जाती है। यह भी कहा जाता है कि स्टाफ को 12 हफ्ते की नौकरी दी जाती है और उसके बाद हटा दिया जाता है। बाद में यदि उन्हें काम पर रखा जाता है तो फुल टाइम वर्कर्स की तरह अधिकार नहीं मिलते। दी इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'साल2013 में चैनल 4 न्यूज की खोजी रिपोर्टिंग के दौरान पता चला कि स्टाफ के शरीर में जीपीएस टैग्स फिट कर दिया जाता था और सहकर्मियों से बात करने पर नौकरी से हटा दिया जाता था।' डनफर्मलिन स्थित अमेजन के वेयरहाउस में दो माह तक घटिया स्थिति का आकलन करने के लिए काम करने वाले अमेरिका के एक स्ट्रीट पास्टर टिम मैककिनी ने 2014 में बताया कि कंपनी स्टाफ को डराती-धमकाती है।