इटारसी। कई मामलों में विवादित रहे इटारसी के मिहानियों को SDM आफिस में घुसकर बदतमीजी करने के आरोप में 3 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। याद दिला दें कि इटारसी में मिहानी परिवार इलाके का सबसे दबंग परिवार हुआ करता था। कहा जाता था कि इटारसी में मिहानी परिवार की मर्जी के बिना कोई अधिकारी नौकरी नहीं कर पाता।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश कुमार देवलिया ने वर्ष 2007 में इटारसी के तत्कालीन एसडीएम कैलाश बुंदेला के चैंबर में घुसकर बदतमीजी करने के 9 आरोपियों बलराम मिहानी, अनिल मिहानी, धर्मपाल मनवानी, मोहन मोरवानी, मोहन मनवानी, राम मिहानी, प्रकाश मनवानी, राज उर्फ राजानंद मनवानी, हरीश मिहानी को सजा सुनाई है। साथ ही सभी आरोपियों को 3-3 हजार रुपए का अर्थदंड भी जमा करने की सजा है। आरोपी यदि अर्थदंड जमा नहीं करते हैं तो एक माह की सजा बढ़ जाएगी।
क्या है मामला
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रविंद्र अतुलकर ने बताया कि 8 साल पहले 5 अक्टूबर 2007 को रेलवे स्टेशन के सामने मौजूद धर्मराज होटल की भूमि पर मौजूद कब्जा हटाने का आदेश लेकर कोर्ट से आदेश वाहक शिवदायल रोहर पहुंचा था। वह न्यायालय के आदेश का पालन कर रहा था, तभी आरोपियों ने एक राय होकर शिवदयाल के साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी थी।
शिवदयाल ने अपने साथ मारपीट होने की सूचना तत्कालीन एसडीओपी देवेंद्र सिंह राजपूत व एसडीएम कैलाश बुंदेला को दी। मौके पर एसडीएम बुंदेला पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे थे, तब सभी आरोपियों ने उनके साथ भी मारपीट की। तब एसडीएम बुंदेला, मचकुली शिवदयाल रोहर व भूमि मालिक पवन अग्रवाल ने इस वारदात की तीन अलग-अलग रिपोर्ट सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तीनों ही मामले के आरोपी एक समान थे और इन्हीं आरोपीगणों ने घटना कारित की थी और न्यायालय के आदेश के पालन में बाधा पहुंचाई थी। इसलिए तीनों ही मामलों को एक कर न्यायालय ने सजा सुनाई है।
क्या कहा न्यायालय ने
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश कुमार देवलिया ने अपने जजमेंट में कहा है जिस प्रकार से वहां वैसी परिस्थितियों में आरोपीगण ने दुष्साहसपूर्वक घटना कारित की है और आरोपीगण के विस्र्द्ध अन्य आपराधिक मामले भी लंबित हैं ऐसी स्थिति में इन्हें पर्याप्त रूप से दंडित न किया गया तो न्याय का उद्देश्य विफल होगा और समाज में आपराधिक प्रवृतियों पर पर्याप्त रूप से अंकुश नहीं लगाया जा सकेगा।
इन धाराओं में इतनी हुई सजा
धारा 147, बल्वा: 6 माह की सजा व 1 हजार स्र्पए अर्थदंड।
धारा 452, घुसकर मारपीट करना: 2 वर्ष कारावास व 1 हजार स्र्पए अर्थदंड।
धारा 323, मारपीट करना: 6 माह कारावास व 1 हजार स्र्पए अर्थदंड।