उज्जैन/मध्यप्रदेश। महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल बाद मंगलवार रात 12 बजे खुलेंगे। नागपंचमी पर देश-दुनिया के हजारों श्रद्धालु श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन को उमड़ेंगे। निरंतर 24 घंटे दर्शन का सिलसिला चलेगा। बुधवार रात 12 बजे पूजन पश्चात मंदिर के पट पुन: बंद कर दिए जाएंगे।
श्री नागचद्रेश्वर मंदिर के अग्रभाग में शेषनाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित हैं। सातवीं शताब्दी की यह दुर्लभ प्रतिमा नेपाल से लाकर महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थापित की गई थी। भगवान यहां लिंग रूप में भी स्थापित हैं। परंपरा अनुसार सिर्फ नागपंचमी के दिन ही मंदिर के पट खोले जाते हैं।
यही कारण है कि देश-दुनिया के भक्त इस दिन यहां दर्शन को आते हैं। पट खुलने के बाद सर्वप्रथम महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरीजी पूजन करेंगे। इसके बाद दर्शन का सिलसिला शुरू होगा। बुधवार दोपहर 12 बजे शासकीय पूजन होगा। मंदिर प्रशासन के अनुसार श्रद्धालुओं को सुविधा से दर्शन हों, इसके व्यापक इंतजाम किए गए हैं।