टीकमगढ। बर्ष 2008 मे केन्द्र सरकार द्रारा ऋण मुक्ति एवं ऋण राहत योजना स्वीकृत की गई, इस योजना के तहत सहकारी ऋणो सहकारी कृषकों के ऋणों को माॅफ किया जाना था। इसके लिये जिला सहकारी कुन्द्रीय बैंक मर्यादित टीकमगढ ने ऋण माॅफी एवं ऋण राहत योजना के लिये लाभाविंत होने बाले कृषको की सूची प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओ से मांगी गई थी। योजना मे पात्र किसानो के लिये पात्रता मापदण्ड बैंक द्रारा भेजे गये थे। उसी आधार पर कृषको को लाभाविंत करने के प्रस्ताव तैयार किये जाने थे।
चूकि समिति प्रबंधको ने अपात्र किसानो की सूची भेज कर जिला सहकारी बैंक टीकमगढ की सलिप्ता से समिति प्रबंधको ने अपात्र किसानो के नाम .ऋण दिखाकर करोडो की दौलत डकार गये समिति प्रबंधक चन्ेदरा समिति प्रबंधक 180260. मैदवारा समिति प्रबंधक 1861342. स्यावनी समिति प्रबंधक 22746. महेवा चक्र 278087.की राशि डकार गये समति प्रबंधक, अगर संपूर्ण जिला के समिति प्रबंधको का अभिलेख का भौतिक सत्यापन किया जाये तो करोडो का घोटाला उजागर होगा टीकमगढ जिला सहित मध्य प्रदेश मे कुलमिला कर अनुमानित 365 करोड रुपया का किसान घोटाला हुआ हे। जिसमे समिति प्रबंधको से लेकर जिला सहकारिता महाप्रबंधक व डीआर एवं सहकारिता बिभाग के मंत्री की साठगाठ हे। इसकी समय समय पर शिकायते होती रही हे। लेकिन कोई ध्यान नही दिया गया हे। जाॅच के नाम पर खाना पूर्ति की जा रही हे। सत्ताधारी पार्टी की छतछाया मे समिति प्रबंधक खूब फलफूल रहे हे। अगर टीकमगढ जिला के समिति प्रबंधको की पूछपरक की जाये तो करोडो की बेशुमार दौलत निकलेगी। इन समिति प्रबंधको के पास आय से अधिक संपत्ति हे। जो एक गंभीर जाॅच का बिषय हे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार मे घोटाले दर घोटाले उजागर हो रहे हे। लेकिन घोटालो को अंजाम देने बालो पर कार्यबाही नही की जा रही हे। जो अगामी बिधान सभा चुनाव मे शिवराज को हैरान कर देगा।
