इंदौर। सवाई माधोपुर का दूल्हा इंदौर में अपनी दुल्हन तलाश रहा है। कल तक उसका मायका इंदौर ही था परंतु आज घर में ताला लगा है। शादी को 10 दिन हुए और दुल्हन अपने परिवार सहित गायब हो गई।
सवाई माधोपुर का रहने वाला मनोज कुमार जैन (32) किराना व्यापारी है। उसने छोटी ग्वालटोली थाने में पत्नी आरती (26) की गुमशुदगी दर्ज कराई है। वह प्रीतिनगर में भाई जितेंद्र शर्मा, उसकी पत्नी व तीन बच्चों के साथ रहती थी। मनोज ने बताया- जून में मेरा परिचय जितेंद्र से हुआ था।
बातचीत बढ़ी तो मैंने उससे कहा- मुझे शादी करनी है। कोई लड़की बताओ। जितेंद्र ने कहा कि उसकी बहन आरती के लिए भी रिश्ते तलाश रहे हैं। यदि दोनों का विवाह हो जाए तो अच्छा रहेगा। मेरे परिवार वाले भी जितेंद्र और उसकी बहन से मिले। दोनों परिवारों ने 25 जुलाई की तारीख तय की। मनोज ने बताया कि जितेंद्र और आरती ने गरीबी का बहाना बनाकर हमसे डेढ़ लाख रुपए पहले ही ले लिए।
उसके बाद शादी का पूरा खर्च भी हमने उठाया। हमने उन्हें शादी के लिए सवाई माधोपुर बुला लिया। आरती के परिवार से भाई, भाभी, उनके बच्चे, मौसा-मौसी सहित कुछ अन्य लोग आए थे। 25 जुलाई को शादी हुई, जिसमें 4 से 5 लाख रुपए खर्च हुए। शादी के बाद आरती ने घर जाने की इच्छा जताई। पहली बार मायके जा रही थी इसलिए मैं, जीजा इंद्र कुमार, भांजा अजय कुमार उसे ट्रेन से 5 अगस्त की रात इंदौर लेकर आए।
मुड़कर देखा तो नहीं थी
मनोज, जीजा, भांजा और आरती रेलवे स्टेशन पर उतरे। मनोज ने बताया- हमने आरती के प्रीतिनगर स्थित घर जाने के लिए ऑटोरिक्शा किया। सभी उसमें बैठने लगे। पीछे मुड़कर देखा तो आरती नहीं दिखी। मैंने उसे रेलवे स्टेशन और आसपास की जगहों पर तलाशा। उसके घर पहुंचे तो पड़ोसियों ने बताया कि जितेंद्र मकान खाली कर चला गया है। आरती और उसका परिवार मूलतः बागली के कमलापुर गांव का बताया जा रहा है। पुलिस तस्दीक कर रही है।
मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा
आरती को ससुराल वालों ने सोने-चांदी के गहने दिए थे। आरती मंगलसूत्र, कंगन, टॉप्स, अंगूठी, चेन, पायजेब, बिछुड़ी पहने थी। आठ-दस हजार रुपए भी उसके पर्स में थे। वह सारे गहने और रुपयों के साथ रफूचक्कर हो गई। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था। रातभर खोजने के बाद ससुराल वाले सुबह छोटी ग्वालटोली थाने पहुंचे। दुखी मनोज ने कहा कि शादी के नाम पर हम ठगा तो गए ही हैं। गांव में इज्जत भी चली गई। आरती ने हमें मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा।
