SSC में सफलता चाहिए तो ऐसे करें तैयारी

यदि आप कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तर परीक्षा का लम्बे समय से तैयारी कर रहे हैं और कोई सफलता हाथ नहीं लगी है तो अब ज्यादा निराश होने की जरूरत नहीं। यदि आप इन कुछ खास टिप्स को फॉलो करें तो आप भी इस परीक्षा को आसानी से पास सकते हैं। इस परीक्षा के प्रथम चरण में आयोजित की जाने वाली परीक्षा में आप स्मार्ट वर्क के साथ बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं। सभी खंडों के मुख्य टॉपिक्स की तैयारी, पेपर सॉल्व करने की तेज स्पीड, टाइम मैनेजमेंट और आत्मविश्वास ऐसे हथियार हैं जो आपको यह परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पार करा सकते हैं।

कर्मचारी चयन आयोग की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा भारत सरकार के 20 संस्थानों में ग्रुप बी और ग्रुप सी के लिए योग्य अभ्यर्थी खोजने की कवायद है। इस प्रतियोगी परीक्षा के द्वारा सीबीईसी, एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट, राष्ट्रीय अन्वेषण ब्यूरो और सीएजी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ कॅरिअर बनाने का मौका मिलता है। योग्य कार्मिक के तौर पर चुने जाने के लिए उम्मीदवार को तीन चरणों से गुजरना होता है। टियर 1 में बहुवैकल्पिक प्रश्नों पर आधारित 200 प्रश्न पूछे जाते हैं। दूसरे चरण में तीन प्रश्नपत्रों का सामना करना पड़ता है। तीसरा प्रश्नपत्र अभ्यर्थना के आधार पर निर्धारित होता है। तीसरे चरण में साक्षात्कार, कम्प्यूटर स्किल्स या पर्सनैलिटी टेस्ट लिया जाता है।

यह परीक्षा एक से अधिक पारी में आयोजित की जाती है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हिस्सा लेते हैं। प्रथम चरण में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में सामान्य अभियोग्यता, सामान्य ज्ञान, गणितीय अभियोग्यता और अंग्रेजी भाषा के प्रश्न चार खण्डों में पूछे जाते हैं। प्रत्येक खंड में पचास प्रश्न होते हैं। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है। प्रश्न पत्र हल करने के लिए दो घंटे का समय दिया जाता है।

टाइम मैनेजमेंट पर दें ध्यान
स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा ध्यान प्रश्नों को हल करने की गति और समय पर देना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप समय-समय पर मॉक टेस्ट द्वारा खुद को परखें। दो घंटे में 200 प्रश्न हल करने का अर्थ है एक प्रश्न के लिए 36 सेकंड का वक्त। ऐसे में परीक्षा की योजना के हिसाब से समय को व्यवस्थित करना जरूरी है। अब तक का अनुभव यह बताता है कि गणित और रीजनिंग सबसे ज्यादा समय लेने वाले खंड हैं। सामान्य ज्ञान में सबसे कम समय लगता है। अंग्रेजी भी समय लेती है। ऐसे में सबसे पहले सामान्य ज्ञान के प्रश्नों को हल करना चाहिए। इससे दबाव कम हो जाता है। गणित में ऐसे प्रश्नों को आखिर के लिए छोड़ देना ठीक होगा जिनमें लंबी गणनाएं करनी पड़ती हैं। छोड़े गए प्रश्नों का नंबर नोट करते चलें ताकि उन्हें बार-बार खोजने में समय बर्बाद हो। प्रश्नों को जबानी हल करने का ज्यादा अभ्यास करें। घड़ी को हाथ में बांधने की बजाय टेबल पर ऐसी जगह पर रखें जहां आपकी नजर बार-बार जाए।

सामान्य अभियोग्यता
इस परीक्षा में श्रृंखला परीक्षण, कूटभाषा परीक्षण, वर्गीकरण परीक्षण, सादृश्यता परीक्षण, वर्णमाला परीक्षण तथा गणितीय परीक्षण से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं। इन सब में अंग्रेजी वर्णमाला पर आधारित प्रश्नों की संख्या सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में स्टूडेंट्स को सवालों को जल्दी हल करने के लिए वर्णमाला को क्रमवार रट लेना चाहिए और परीक्षा पूर्व समय में रफ कार्य करने की जगह पर अंग्रेजी वर्णमाला को गणितीय क्रम में लिख लेना चाहिए। ऐसा करने से केवल पेपर सॉल्व करने की स्पीड तेज होगी, बल्कि जवाबों के सटीक होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। सारणी और आरेख से जुड़े सवाल भी काफी पूछे जाते हैं, इसलिए उन पर मेहनत करना भी जरूरी है।

सामान्य ज्ञान
प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा की तरह सामान्य ज्ञान इस परीक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस खंड में बेहतरीन प्रतियोगियों के बीच सबसे ज्यादा प्रतियोगिता होती है। चूंकि यह हिस्सा पूरी तरह लंबी तैयारी पर आश्रित होता है, इसलिए नए प्रतियोगियों की तुलना में ज्यादा समय से तैयारी कर रहे अभ्यर्थी इसमें थोड़ा आगे रहते हैं। इस हिस्से की तैयारी करते हुए इस बात पर ध्यान दें कि किस विषय से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं। यह भी याद रखें कि इस परीक्षा में अभ्यर्थी की वैज्ञानिक समझ को विशेष तौर पर परखा जाता है, इसलिए इस विषय पर ध्यान देने की खास जरूरत है।

विज्ञान के तीन खंडों और समसामयिक विषयों को मिलाकर लगभग एक चौथाई हिस्से को कवर किया जा सकता है। इसमें अर्थशास्त्र के अलावा भूगोल और भारतीय संविधान को जोड़ दें तो आधा प्रश्नपत्र तैयार किया जा सकता है। इस तरह सिर्फ चार विषयों को ठीक तरीके से पढ़कर आधा प्रश्न पत्र सही होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। अर्थशास्त्र से ज्यादातर प्रश्न भारतीय आयात-निर्यात, बजट और मौद्रिक नीति पर आधारित होते हैं। कम्प्यूटर और सूचना क्रांति से भी तीन से चार प्रश्न पूछे जाते हैं। इसी तरह विश्व के प्रमुख संगठनों, भारत के प्रमुख संस्थानों, राज्यों के नृत्य और हाल में आई पुस्तकों और लेखकों से भी प्रश्न बनते हैं।

यह खंड अभ्यर्थी की गणितीय दक्षता को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इस खंड में प्रतिशतता, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ और हानि, बट्टा, शेयर एवं लाभांश, समय और काम और मजदूरी, नल एवं हौज, समय और दूरी, रेलगाड़ी, धारा प्रवाह, संख्या पद्धति, भिन्न, दशमलव भिन्न, सरलीकरण, वर्ग एवं वर्गमूल, घन एवं घनमूल, अनुपात और समानुपात, साझा, औसत, आयु एवं संख्या, मिश्रण, करणी एवं अपरिमेय संख्या, विविध बीजगणित, लघुगणक, समतल आकृति की क्षेत्रमिति, वृत की क्षेत्रमिति, ठोस पिंड की क्षेत्रमिति, सारणी विश्लेषण, श्रेणीक्रम और ल.स.प./म.स.प. पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। गणित में प्रतिशतता, लाभ-हानि और सारिणी से ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं। वैसे गणित में लगभग सभी बिन्दुओं को समान वेटेज दिया जा सकता है, लेकिन प्रमिश्रण, साझा और औसत जैसे बिन्दुओं के लिए साधारण तैयारी से भी काम चलाया जा सकता है।

सामान्य अंग्रेजी
इस खंड का नाम ही महज सामान्य अंग्रेजी है लेकिन इस हिस्से को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए आपको अपने शब्दकोष को बेहतर बनाना होगा। यह प्रश्नपत्र पूरी तरह ग्रामर पर आधारित होता है और वे ही स्टूडेंट्स फायदे में रहते हैं जिन्हें सभी नियम याद हैं। इस खंड में ज्यादातर प्रश्न स्पॉटिंग एरर, अप्रोप्रिएट वर्ड्स, अल्टरनेटिव वर्ड्स, अपोजिट वर्ड्स, वन वर्ड, इम्प्रूव सेन्टेन्स, करेक्टली स्पेल्ट वर्ड्स, इडियम एंड फ्रेज, पैसेज, एक्टिव पैसिव और अरेंज सेन्टेन्स से पूछे जाते हैं। हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स को पैसेज की अच्छी तैयारी करनी चाहिए क्योंकि इसमें से लगभग 10 सवाल पूछे जाते हैं और अन्य बिन्दुओं की तुलना में इन प्रश्नों का जवाब ज्यादा सटीकता से दिया जा सकता है।

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