भोपाल। मलेरिया संविदा MPW की हालत मप्र में काफी खराब बताई जा रही है। वो पिछले 6 साल से फील्ड में काम कर रहे हैं परंतु उन्हें वेतन तक समय पर नहीं दिया जाता। केन्द्र ने 3 साल में परमानेंट करने के आदेश दिए थे, परंतु मप्र ने आज तक परमानेंट नहीं किया।
पढ़िए यह ईमेल जो एक पीड़ित ने भोपाल समाचार को भेजा :
मलेरिया संविदा MPW पिछले 5 से 6 साल से कार्य कर रहे हैं और उनका काम गांव में जाकर Vector से होने वाली बीमारियों का इलाज करना है। हमे 10 से 25 गांव मिले हैं। रोज फिल्ड में जाना और सेलेरी मात्र 10000 इसी में सभी पेट्रोल भी।
हमें आज तक कभी भी समय पर सेलेरी नही मिली। पर काम समय पर देना पड़ता है। और 2 साल बढ़ाया है mp सरकार ने जबकी केंद्र के आदेश के अनुसार सभी Mpw को 3 साल के बाद रेगुलर MPW के पद पर समायोजित करना था।
आगे हमारे भविष्य की कोई योजना भी नही दिखाई दे रही है। अब हम दूसरी जॉब में भी नही का सकते। 5 से 6 साल हो गए है इस विभाग में काम करते करते। अभी अप्रैल से जून तक का बजट दिया था MP GOVt ने पर पता नही क्यों वापस ले लिया उसका आर्डर भी आपको भेजा है।
जब पूरे MP में रेगुलर MPW की पोस्ट खाली पड़ी है तो सरकार हमे उन पदों के विरुद्ध रेगुलर क्यों नही कर रही है और केंद्र के आदेश की भी अव्हेलना कर रही है। हम बिना वेतन के कैसे काम करें इस युग में इक तो फील्ड का काम रहता है और फिर पेट्रोल भी नही मिलता TA DA ।
और 10000 में ही घर भी चलाना है वोभी हर महीने नही मिलते आज तक तो नही मिले। पिछले सितंबर 14 से मार्च 15 तक की सेलेरी हमे अप्रैल 15 में मिली और अब आगे की पता नही कब मिलेगी।
में धार से हूं। और धार में तो अप्रैल 2013 से दिसम्बर 13 तक का एरियर भी बाकि पडा है। करीब 36000 रूपये और धार के सभी MPW 51 है। सरकार ने उसका बजट भी नही दिया जबकि दूसरे जिलो में उसी दौरान दे दिया गया।