ग्वालियर। इसे आप व्यापमं घोटाला नहीं कह सकते, लेकिन फर्जीवाड़ा दमदार है। वो डॉक्टर बनना चाहता था। जानता था वो इतना ब्रिलिएंट नहीं है कि टॉप कर ले, इसलिए उसने एक शार्टकट निकाला। अपना बाप बदल लिया। ग्रेजुएशन तक उसका बाप रिटायर्ड नायब तहसीलदार सरनाम सिंह शर्मा हुआ करते थे, इन दिनों बाबूलाल आदिवासी है। आप जानकर चौंक जाएंगे कि खुद बाबूलाल आदिवासी को नहीं पता कि उनका बेटा डॉक्टर बन गया। सारे डाक्यूमेंट्स फर्जी बना लिए गए।
घटना 14 जून 1995 दर्पण कॉलोनी की है। कुछ दिन पहले आदिवासी को पता लगा कि उसका एक दत्तक पुत्र को डॉक्टर बन गया है। लोगों का इलाज कर रहा है। धोखाधड़ी का अहसास होते ही पीड़ित थाटीपुर थाने पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने बुधवार शाम रिटायर्ड नायब तहसीलदार व उनके बेटे डॉ. सुनील शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
गोहद निवासी बाबूलाल आदिवासी पेशे से मजदूर है। कुछ समय पहले उसे पता लगा कि उसका गोद लिया एक बेटा भी है और वह शिवपुरी में डॉक्टरी कर रहा है। पहले तो उसे विश्वास ही नहीं हुआ, क्योंकि उसने किसी को गोद नहीं लिया था। पीड़ित ने थाटीपुर थाने में बताया है कि 1995 में रिटायर्ड नायब तहसीलदार सरनाम सिंह शर्मा निवासी दर्पण कॉलोनी गोहद में पटवारी हुआ करते थे। जमीन से जुड़े दस्तावेजों के संबंध में बाबूलाल आदिवासी का उनके घर आना जाना था।
14 जून 1995 को तत्कालीन पटवारी श्री शर्मा ने पीड़ित के अशिक्षित होने का फायदा उठाते हुए फर्जी गोदनामा बनवा लिया। गोदनामा में सरनाम सिंह ने अपने बेटे सुनील शर्मा को बाबूलाल आदिवासी का दत्तकपुत्र बता दिया। इसके आधार पर बेटे को आदिवासी बताकर उसका फर्जी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण भी बन गया।
फर्जी सर्टिफिकेट से PMT
बेटे सुनील ने फर्जी दत्तकपुत्र और फर्जी सर्टिफिकेट के साथ पीएमटी की परीक्षा दी और एसटी कोटे में उसका सिलेक्शन हो गया। इस आधार पर जीआरएमसी में उसे एडमिशन मिला। अभी वह एमबीबीएस पास कर शिवपुरी के सरकारी अस्पताल में पदस्थ है।
कुछ दिन पहले ही भांडा फूटा
पीड़ित को कुछ दिन पहले इस पूरे कांड का पता लगा। इस पर वह थाटीपुर थाने पहुंचा और डॉ. सुनील को गोद नहीं लेने की बात कही। उन्होंने लिखित में रिटायर्ड नायब तहसीलदार व डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की। बुधवार शाम पुलिस ने आवेदन पर से जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
रिटायर्ड नायब तहसीलदार सरनाम शर्मा पर बाबूलाल आदिवासी ने फर्जी ढंग से गोदनामा बनवाकर एसटी का सर्टिफिकेट बनाकर बेटे के डॉक्टर बनाने का आरोप लगाया था। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
वीरेन्द्र कुमार जैन, एएसपी शहर