भिंड। मजाक-मजाक में पालतू कुत्ते का आधार कार्ड बनाना एक युवक को महंगा पड़ गया। ऊमरी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। युवक आधार कार्ड पंजीयन केंद्र पर ऑपरेटर है। मामले की शिकायत पंजीयन केंद्र के संचालक अखिलेश यादव ने एमपीएसइडीसी (मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डवलेप कॉर्पोरेशन) में की थी। शिकायत मिलते ही भोपाल से कलेक्टर मधुकर आग्नेय के नाम पत्र आया, जिस पर ऊमरी पुलिस ने कार्रवाई की। मामला सामने आने के बाद कुत्ते का आधार कार्ड कैंसल किया गया है।
5 साल हो सकती है जेल
ऊमरी में आईसेक्ट कियोस्क सेंटर के कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद आजम खान ने 27 अप्रैल 2015 को अपने पालतू कुत्ते टफी का आधार कार्ड के लिए पंजीयन कर दिया। पंजीयन के बाद आधार कार्ड बनने की जानकारी लगी तो कियोस्क संचालक अखिलेश यादव ने एमपीएसइडीसी में शिकायत की। एमपीएसइडीसी के प्रबंध संचालक एम. सेलवेंद्रम ने 6 जून को कलेक्टर मधुकर आग्नेय के लिए आजम पर एफआईआर के लिए पत्र भेजा। एएसपी अमृत मीणा के अनुसार इस केस में युवक को 5 साल की जेल हो सकती है।
ऐसे बना आधार कार्ड:
दरअसल, आधार कार्ड के पंजीयन के दौरान 4 साल से कम उम्र के बच्चे की आंखों की रेटिना और उंगलियों के फिंगर प्रिंट नहीं लिए जाते। कुत्ते टफी के आधार कार्ड पंजीयन करने में आजम ने इसी बात का फायदा उठाया। आजम ने टफी के पिता के तौर पर मोती सिंह नाम दर्ज किया। टफी की उम्र 5 मई 2013 दर्ज की। इस हिसाब से टफी की उम्र 2 साल हुई और सिस्टम ने कुत्ते का आधार के लिए पंजीयन कर लिया।