भोपाल। व्यापमं मामले में इंटरनेशनल मीडिया में हुई भाजपा की पिटाई के बाद अब मोदी नाराज हैं। उन्हे सूचना मिली है कि यह पूरा घोटाला शिवराज और कैलाश की अंतर्कलह के कारण उजागर हुआ। कैलाश विजयवर्गीय ने मामले की हवा दी और शिवराज ने उसे संभालने का कोई प्रयास नहीं किया।
मोदी ने केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार को इन दोनों दिग्गज नेताओं के बीच चली खींचतान की जांच के आदेश दिए हैं ताकि स्पष्ट हो सके कि आखिर क्यों ऐसे हालात बने और दोषी को दण्डित भी किया जा सके। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है क्योंकि इसके चलते ना केवल शिवराज सिंह चौहान की छवि खराब हुई है बल्कि दुनिया भर में भाजपा की साख पर धब्बा लगा और छींटे संघ तक पहुंचे हैं।
बताया जा रहा है कि संघ भी अपने स्तर पर इस मामले की छानबीन कर रहा है। अपने तमाम आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों से साथ मिलकर यह रायशुमारी की जा रही है कि व्यापमं से बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए क्या किया जाए एवं क्या इस मामले में शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने से संघ के प्रति लोगों में आस्था बढ़ेगी।
'पत्रकार वत्रकार' पर भी बवाल
कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकार अक्षय सिंह की मौत पर जो बयान दिया उससे भी मोदी बेहद नाराज हैं। बता दें कि कैलाश विजयवर्गीय पहले मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर थे और कुछ दिनों पहले ही उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल का प्रभारी बनाया गया है। कैलाश ने अक्षय सिंह की मौत पर मीडिया के सामने जो बयान दिया था उसकी काफी आलोचना हुई है। इसके अलावा प्रेस क्लब आॅफ इंडिया ने भी कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव जारी किया। पिछले 10 सालों में यह पहली बार है जब किसी इस स्तर के नेता के खिलाफ देशभर का मीडिया एकजुट हुआ।
