अब मप्र पुलिस करेगी अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई

जबलपुर। राज्य शासन ने हाईकोर्ट के पूर्व दिशा-निर्देश के पालन में उस अधिसूचना की जानकारी पेश कर दी जिसके तहत पुलिस अधीक्षकों को अवैध होर्डिंग्स/ विज्ञापनों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत कर दिया है, जिनकी वजह से सड़क पर वाहन चालकों का ध्यान भटकता है।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य की ओर से उप महाधिवक्ता समदर्शी तिवारी खड़े हुए। उन्होंने मोटर वीकल एक्ट-1988 की धारा- 116 (4) के तहत राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को अवैध होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देने वाली अधिसूचना के बारे में अवगत कराया।

रेलवे कैसे दे रही रोड-फेसिंग होर्डिंग की परमीशन- जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर के अधिवक्ता सतीश वर्मा ने एक आवेदन के जरिए रेलवे बार्ड चेयरमैन को भी मामले में पक्षकार बनाए जाने का निवेदन किया। कोर्ट ने निवेदन मंजूर करते हुए रेलवे बोर्ड चेयरमैन को भी नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया। आपत्ति का मुख्य बिन्दु यह है कि रेलवे ने जबलपुर सभी समूचे राज्य में रोड-फेसिंग होर्डिंग लगाने की अनुमति दे रखी है। श्री वर्मा ने दलील दी कि रेलवे की अनुमति से लगे होर्डिंग भी अवैध हैं अतः हटाए जाने चाहिए।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!