मप्र से रूठ गया मानसून: इंतजार में सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश से मानसून रूठ गया है। मौसम विभाग कहता है यह 'सेमी मानसून ब्रेक' है, लेकिन मानसून ब्रेक के बाद कब तक लौटेगा उसे भी नहीं पता। यहां मध्यप्रदेश सरकार का खजाना पहले से ही खाली है। एक लाख करोड़ का लोन चढ़ चुका है। विकास कार्य ठप हो गए हैं। केन्द्र में जब से मोदी सरकार आई है, मदद मिलना बहुत कम हो गई है। हालात यह हैं कि शिवराज सिंह हर रोज मानसून को लेकर चिंता जता रहे हैं। 

राजधानी समेत पूरे प्रदेश में एक हफ्ते से बारिश का दौर मंदा पड़ गया है। बारिश नहीं होने से प्रदेश में 'सेमी मानसून ब्रेक' की स्थिति बन गई है। चूंकि अभी बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई तीव्र वेदर सिस्टम नहीं बन रहा है, इसलिए प्रदेशवासियों को अच्छी बारिश के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ सकता है। फिल्हाल इस हफ्ते जोरदार बारिश की उम्मीद नहीं है।

हालांकि जून में मानसून की सक्रियता से प्रदेश में सामान्य से कुछ ज्यादा बारिश हो चुकी है। प्रदेश में 1 जून से 1 जुलाई तक औसत 147.4 मिमी बारिश हुई है। यह सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा है। अब तक की सामान्य बारिश 127 मिमी है।

उधर, राजधानी में बुधवार को दिन भर मौसम साफ बना रहा। धूप चमकने के कारण लोग गर्मी से परेशान रहे। अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा था। न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा। शहर में 1 जून से जुलाई तक 166.7 मिमी बारिश हो चुकी है।

क्या है मानसून ब्रेक होना
एक बार मानसून के सक्रिय होने के बाद जब वातावरण में नमी की मात्रा बहुत कम हो जाती है और प्रदेश में कई दिनों तक कहीं भी बारिश नहीं होती, तो इसे मानसून ब्रेक की स्थिति कहा जाता है। लेकिन जब प्रदेश में कुछ दिनों तक कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो और बड़े हिस्से में बारिश न हो, तो इसे सेमी मानसून ब्रेक की स्थिति कहा जाता है। मानसून सीजन में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं। 
डॉ. अनुपम काश्यपी, निदेशक, मौसम केंद्र

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